जीरो सेल होने पर भी GST रिटर्न भरना है क्या? नहीं भरने पर कितनी पेनल्टी लगेगी?

कई लोग यही सोचते हैं कि जब कोई बिक्री ही नहीं हुई तो रिटर्न भरने की क्या जरूरत है, लेकिन ऐसा नहीं है अगर आपके पास जीएसटी नंबर है, तो भले ही आपकी कोई बिक्री (सेल) हो या ना हो, आपको जीएसटी रिटर्न भरना ही पड़ेगा।

देखिए जीएसटी कानून के अंदर, जब कोई व्यक्ति एक बार जीएसटी में रजिस्टर्ड हो जाता है, तो आप सरकार को अपनी व्यावसा के हिसाब की जानकारी देने के लिए बाध्य हैं, चाहे आपका सेल शून्य ही क्यों न हो।

में यह पोस्ट यह उन सभी लोगों के लिए बना रहा हूं, जो जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेने के बाद बिक्री नहीं कर पा रहे हैं या जिनका व्यापार अभी तक शुरू नहीं हुआ है, वह आगे जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं, आपके मन में उठे सभी सवाल का जवाब इस पोस्ट पर मिलेगा इसीलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

असली सवाल: क्या जीरो सेल पर भी रिटर्न भरना जरूरी है?

थोड़ा सा समझे किसे “Nil GST Return” कहते है?

Nil GST Return का मतलब: जब कोई एक व्यापारी किसी महीने या तिमाही के अंदर जब कोई आउटवर्ड सप्लाई मतलब (बिक्री) और इनवर्ड सप्लाई मतलब (खरीद), या कोई भी टैक्स देना नहीं होती, तब आको यह रिटर्न फाइल करते होते हैं।

एक उदाहरण से समझे: कोई एक नया व्यापारी ने जिसने मार्च महीने में जीएसटी रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन अप्रैल और मई में उनको कोई व्यापार नहीं हुआ, तब उस व्यापारी को अप्रैल और मई महीने का नील जीएसटी रिटर्न फाइल करना होता है।

अगर आप जीएसटी रिटर्न नहीं भरते हैं तो क्या होगा?

 इस पोस्ट का सबसे जरूरी पॉइंट है, आपके मन में ही आ रहा होगा की अगर में नील जीएसटी रिटर्न फाइल ना करो तो क्या होगा? अब में आपको कानूनी नियम जैसे लेट फीस और पेनल्टी के बारे में बताऊंगा।

लेट फीस (Late Fees): आपको बता दूं कि नील जीएसटी रिटर्न के लिए यह प्रतिदिन ₹20 लगता है (CGST के लिए ₹10 और SGST के लिए ₹10), और यह ज्यादा से ज्यादा ₹500 तक की होती है।

टैक्स लायबिलिटी वाले रिटर्न: आपको बता दूं कि जिनका टैक्स बन रहा है वह जीएसटी रिटर्न जमा न करने पर हर दिन ₹50 लगता है (CGST के लिए ₹25 और SGST के लिए ₹25) लगती है, और यह ज्यादा से ज्यादा GSTR-3B के लिए ₹5000 तक की होती है।

परिणाम (Consequences): आप अगर समय से जीएसटी जमा नहीं करते है तो आपकी जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो सकती है, आप अपना ITC (Input Tax Credit) क्लेम नहीं कर पाएंगे, और आपके व्यवसाय पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

पेनल्टी (Penalty): पेनल्टी लेट फीस से अलग है अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर रिटर्न नहीं भरता, टैक्स चोरी करता है, गलत जानकारी देता है, गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम करता है, गलत इनवॉइस बनाता है, या जीएसटी कानून का पालन नहीं करता है, तब पेनल्टी लगाई जाती है।

पेनल्टी की राशि हमेशा हर एक केस पर होती है, जैसे पेनल्टी की राशि अक्सर बचा हुआ टैक्स के पैसे का प्रतिशत के रूप में तय की जाती है, यह लेट फीस से कहीं अधिक हो सकती है, लेकिन ज्यादातर लेट फाइलिंग के सिर्फ लेट फीस लगती है।

आप CGST और SGST इन सब जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें:- GST क्या है? जानें वस्तु एवं सेवा कर के 4 प्रकार (CGST, SGST, IGST, UTGST) और उनका मतलब

जीएसटी में लेट फीस और पेनल्टी में अंतर

लेट फीस तब लगाई जाती है जब आप जीएसटी रिटर्न सरकार के बनाए हुए समय सीमा के अन्दर फाइल नहीं करते हैं और पेनल्टी तब लगाई जाती है जब आप कोई जीएसटी कानून का उल्लंघन करते हैं।

ज्यादा से ज्यादा लेट फीस ₹500 और ₹5,000 क्यों है?

अब आप सोच रहेंगे कि जीएसटी में लेट फीस ₹500 और ₹5,000 क्यों है? देखिए नील रिटर्न न भरने पर हर दिन ₹20 लगता है, और जीएसटी बन रहा है और आप नहीं जमा कर रहे है तो हर दिन ₹50 लगता है यह तो आपने समझा।

लेकिन अब आप सोचिए कोई एक साल तक अपना जीएसटी जमा नहीं किया तो ₹18,250 बन जाएगा, सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए यह नियम बनाया कि नील रिटर्न के लिए ₹500 से नहीं बढ़ेगा और GSTR-3B के लिए ₹5000 इससे आगे नहीं जाएगा।

जीएसटी के लेट फीस से कैसे बचें

हमेशा सरकार के बनाए हुए समय सीमा का पालन करें: जीएसटी रिटर्न लेट न करे, हमेशा लास्ट डेट से पहले जमा करे भले ही आपका बिज़नेस न हो।

आप नील रिटर्न एसएमएस (SMS) से जमा कर सकते है: अगर आपको निल रिटर्न फाइल करना है आप जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन किए बिना एसएमएस के माध्यम से भी फाइल कर सकते हैं, अब में आपको वह बताऊंगा।

इस पोस्ट से जाने:- रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) क्या है? जानें RCM क्यों और किसके लिए लाया गया है, टैक्स बचाने का पूरी जानकारी

Nil GST Return फाइल करने का आसान तरीका

मोबाइल से एसएमएस के जरिए नील रिटर्न फाइल करने का तरीका सबसे आसान है, GSTR-1 और GSTR-3B दोनों को नील फाइल करना है तो एसएमएस सेंड करने का कुछ नियम है जिसमें आपको गलती नहीं करनी है:

Nil GSTR-3B के लिए: NIL<space>3B<space>GSTIN<space>Tax Return Period (MMYYYY) ऐसे लिखना है।

Nil GSTR-1 के लिए: NIL<space>R1<space>GSTIN<space>Tax Return Period (MMYYYY) ऐसे लिखना है।

मतलब आपको NIL R1 GSTIN MMYYYY और NIL 3B GSTIN MMYYYY ऐसे लिखना है, GSTR-1 के लिए R1 और GSTR-3B के लिए 3B है।

एक उदाहरण से समझे: NIL 3B 22ABCDE1234F1Z5 092025 और NIL R1 22ABCDE1234F1Z5 092025।

फिर से में और आसान करके आपको समझा देता हूं मान लीजिए कि आप GSTR-3B Nil SMS से करना है, तो पहले आपको Nil लिखना है और GSTR-3B को आप 3B लिखना है और आपका GSTIN नंबर लिखना है और सितंबर 2025 का है तो 092025 लिखना है, अब आप ऊपर के उदाहरण को देखें आप समझ जाएंगे।

अब इसे NIL 3B 22ABCDE1234F1Z5 092025 को 14409 नंबर पर एसएमएस भेजें, आपको 6 अंक का OTP आएगा, अब आए हुए ओटीपी को फिर से 14409 पर भेजना होगा, एकबार सबमिट होने के बाद आपको एक Acknowledgement Number (ARN) एसएमएस में ही मिल जाएगा।

ध्यान रखे: यह एसएमएस वाला सुविधा सिर्फ Nil Return (GSTR-3B या GSTR-1) के लिए है, मतलब आपके जीएसटी जीरो होना चाहिए।

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निष्कर्ष: जीरो सेल पर नील जीएसटी रिटर्न का

अंत में जीएसटी रजिस्ट्रेशन का मतलब है कि आप सरकार के नजर में हैं, और जीरो सेल का मतलब रिटर्न नहीं करना है यह गलत है, Nil GST Return फाइल करना बहुत आसान है जो मैने आपको ऊपर बताया आप एसएमएस से कर सकते है और रिटर्न जमा न करने पर भारी नुकसान आपको हो सकता है।

इसीलिए आप सरकार के बनाए नियम से रिटर्न फाइल करें, भले ही आपका व्यापार अभी शुरू न हुआ हो, और आगे के लेट फीस और पेनल्टी से बचे।

में उम्मीद करता हू कि जीरो सेल होने पर क्या जीएसटी रिटर्न भरना है? इसके सभी बात और गलती से बचने के सभी तरीका को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।

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