TDS Return और Income Tax Return में क्या अंतर है? यह एक ऐसा विषय है जो बहुत सारे लोगों को दिक्कत में डालती है, खासकर फ्रीलांसर, व्यापारी, नौकरीपेशा और नए टैक्स फाइलर।
TDS और ITR दोनों टैक्स से जुड़े शब्द हैं, लेकिन इनका काम भरने वाला व्यक्ति और उद्देश्य एकदम अलग अलग होता है, इस पोस्ट में हम इन दोनों रिटर्न्स के बीच का अंतर आसानी से समझेंगे।
इस पोस्ट में क्या है?
TDS Return क्या होता है?
TDS Return वह रिटर्न होता है जिसे कोई संस्था या व्यक्ति फाइल करता है, जो किसी और को पैसा देते समय TDS (Tax Deducted at Source) काटता है।
एक उदाहरण से समझे: अगर कोई एक कंपनी किसी फ्रीलांसर से काम करा कर उसको ₹50,000 का पेमेंट करती है और उस पैसे से ₹5,000 का टीडीएस काटती है, तो वह कंपनी उस टीडीएस को सरकार के पास जमा कराएगी, और उसकी जानकारी एक रिटर्न के रूप में फाइल करेगी।
जिसका टीडीएस कटता है उसका पैन कार्ड के नंबर से यह पैसा जमा किया जाता है, ताकि सही पहचान है क्योंकि एक ही नाम का बहुत सारे लोग होता है और पैन कार्ड को तो टैक्स के लिए ही बनाया गया है।
- कौन फाइल करता है: कंपनी, नियोक्ता, संस्था (Deductor)
- भुगतान का प्रकार: सैलरी, प्रोफेशनल फीस, कमीशन, किराया, ब्याज (Income)
- फाइलिंग का समय: हर तिमाही (Quarterly)
- रिटर्न फॉर्म: 24Q (सैलरी), 26Q (नॉन-सैलरी)
टीडीएस हर किसी का नहीं काटा जाता जब कोई कंपनी या संस्था आपको पैसा देता है तब अगर आपके पैसे में से टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स बनता है तब ही आपको परसेंटेज के अनुसार टीडीएस काटेगी।
टीडीएस रिटर्न वह रिपोर्ट कार्ड है जो टैक्स काटने वाला व्यक्ति, संस्था या कंपनी सरकार को देता है, जिसमें वह बताता है कि उसने कब, किससे और कितना टीडीएस जमा किया और उसे सरकार के पास जमा किया।
Income Tax Return (ITR) क्या होता है?
ITR (Income Tax Return) वह रिटर्न है जिसे कोई आम व्यक्ति, व्यापारी या प्रोफेशनल अपनी साल भर की इनकम पर टैक्स भरने और जानकारी देने के लिए फाइल करता है।
एक उदाहरण से समझे: अगर आपका पूरा साल का कमाई ₹10 लाख है, और इस कमाई पर आपका टैक्स बनता हैं, तो आप आईटीआर फॉर्म भरकर सरकार को बताते हैं कि आपकी नेट इनकम कितनी है और कितना टैक्स बनता है।
- कौन फाइल करता है: Individual, व्यापारी, प्रोफेशनल (Taxpayer)
- फाइलिंग का समय: साल में एक बार
- रिटर्न फॉर्म: ITR-1 से ITR-7 तक (कमाई के आधार पर)
आईटीआर में सब कुछ शामिल करना होता है जैसे अपनी कमाई, खर्च, टैक्स बचत और टैक्स भरने की जानकारी देते हैं।
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मुख्य अंतर (TDS Return vs ITR)
में नीचे एक छोटा सा टेबल बनकर आपको दिखा रहा हु इससे आपको पता चल जाएगा सभी अंतर TDS Return vs ITR के बारे में।
विशेषता | TDS Return | ITR (Income Tax Return) |
कौन फाइल करता है | पेमेंट देने वाला (Deductor) | आमदनी कमाने वाला (Taxpayer) |
उद्देश्य | TDS की जानकारी देना | साल की आमदनी और टैक्स रिपोर्ट करना |
कितनी बार फाइल होता है | हर तिमाही | साल में एक बार |
फॉर्म नंबर | 24Q, 26Q आदि | ITR-1, ITR-4 आदि |
क्या TDS और ITR दोनों रिटर्न फाइल करना ज़रूरी है?
जी नहीं आपको टीडीएस रिटर्न और इनकम टैक्स रिटर्न दोनों भरने के जरूरत नहीं है।
- अगर आप किसी को पेमेंट देने के समय टीडीएस काटते हैं तो आपको उस पैसे का टीडीएस रिटर्न फाइल करना ज़रूरी है।
- और अगर आपको अपनी साल का सभी इनकम पर टैक्स भरना हैं तो आप आईटीआर फाइल करेंगे।
लेकिन कई मामलों में कुछ लोगों को दोनों रिटर्न फाइल करना पड़ सकते हैं, जैसे कोई कंपनी जो दूसरों को सेलरी देता है और खुद भी टैक्स भरता है।
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TDS रिटर्न क्यों ज़रूरी है?
सरकार ने टीडीएस इसीलिए लाया ताकि टैक्स चोरी को कम कर सके, टीडीएस सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि इनकम पर टैक्स शुरुआत में ही काट लिया जाए, जिससे टैक्स चोरी की चांस कम हो जाती है।
टीडीएस सरकार के लिए आय का एक आसान रास्ता है, यह सरकार को टैक्स कलेक्शन में मदद करती है और पूरा साल सरकार को टैक्स मिलता रहता है।
जिसका पैसा काटा गया है टीडीएस से उसको यह टैक्स क्रेडिट मिलता है, काटे गए टीडीएस का विवरण जब कंपनी आयकर विभाग में जमा करते है, तब यह मिलने के बाद सरकार यह जानकारी और पैसा उस व्यक्ति के फॉर्म 26AS में दिखाती है जिसका टैक्स कटा है।
और वह व्यक्ति अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय, अगर टीडीएस ज्यादा कटा गया हो उसका टैक्स से, तो इस टीडीएस का क्रेडिट क्लेम कर सकता है।
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निष्कर्ष: TDS Return और ITR
TDS Return और ITR दोनों ही Income Tax Department के लिए बहुत ज़रूरी हैं, लेकिन इन दोनों का उद्देश्य, समय, फाइल करने वाला व्यक्ति और तरीका अलग होता है।
अगर आप एक नियोक्ता है जैसे आपका कोई कंपनी या संस्था हैं तो आपको TDS Return फाइल करना ज़रूरी है, वहीं अगर आप कोई भी इनकम करते हैं चाहे वह सैलरी हो, फ्रीलांसिंग हो या व्यापार तो आपको ITR फाइल करना है।
हमेशा याद रखें कि टैक्स नियम पर हर साल कुछ ना कुछ बदलाव होते रहते हैं, इसीलिए हमेशा नवीनतम नियम की ओर ध्यान रखें, और आपको अगर टैक्स के विषय पर कोई भी परेशानी हो तो हमेशा एक अच्छे टैक्स सलाहकार (CA) से संपर्क करें, वह आपको सही सलाह देंगे।
में उम्मीद करता हू कि टीडीएस रिटर्न और इनकम टैक्स रिटर्न के बारे में आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
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