भारत में जीएसटी (GST) को 2017 में लागू किया गया था ताकि टैक्स नियम को आसान और सभी जगह एक जैसा टैक्स किया जा सके, आमतौर पर जीएसटी दरें 5%, 12%, 18% और 28% के स्लैब में रखी गई थी।
लेकिन 56वीं GST परिषद (GST Council) की बैठक 2025 में कुछ विशेष वस्तुओं और सेवाओं पर 40% GST स्लैब लगाया गया है, यह अक्सर Sin Goods और Luxury Items होता हैं।
आज हम इस पोस्ट में हम जानेंगे कि किन वस्तुओं और सेवाओं पर 40% जीएसटी लगाया गया है, और इसका उपभोक्ता या व्यापारियों पर क्या असर पड़ सकता है, हम बिसार से बात करेंगे इसीलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ें।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
40% GST स्लैब का मतलब क्या है और क्यों लागू हुआ?
सीधे तौर पर 40% जीएसटी का स्लैब जीएसटी नियम में पहले नहीं है, लेकिन 28% जीएसटी + Compensation Cess मिलकर इन कुछ वस्तुओं पर टैक्स 40% या उससे भी ज़्यादा हो जाता था।
इसका सीधा मतलब है कि जब आप लक्ज़री चीज़ों को खरीदते हैं, तो उनकी कीमत में से एक बड़ा हिस्सा का आप टैक्स देते है।
- पहले: 28% जीएसटी + अलग से सेस लगते थे।
- अब: सेस को मिलाकर ही 40% की जीएसटी लगेगा दो अलग अलग कर नहीं होगा।
लेकिन GST 2.0 में यह तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला आदि जैसे सामान पर अभी तक 40% लागू नहीं हुआ है, वही पुराने दर (28% + Cess) बना रहेगा जब तक सेस से जुड़ी सभी पुरानी हिसाब खत्म नहीं हो जाता।
सरल टैक्स व्यवस्था: साथ में सिर्फ 5% और 18% जीएसटी के यह 2 स्लैब रहेगा और 40% (सिन और लक्ज़री गुड्स) के लिए बना दिया गया है।
सरकार का लक्ष्य: राजस्व को बढ़ाना, हानिकारक वस्तुओं की इस्तेमाल को रोकना, और टैक्स सिस्टम को सरल बनाना, इन पर हम नीचे बात करेंगे।
इस पोस्ट से जाने:- जीएसटी के नुकसान: छोटे व्यवसायों से लेकर आम आदमी तक, किसे हुआ सबसे ज्यादा असर जाने?
एक उदाहरण से समझें 40% जीएसटी का
मान लीजिए एक लक्ज़री कार की दाम ₹30,00,000 है, इसमें 40% जीएसटी लगा है तो आपका कुल टैक्स बनेगा = ₹12,00,000।
तो क्या आपको अब ₹30,00,000+₹12,00,000= ₹42,00,000 इतने देने होंगे, नहीं अगर कार के दाम ₹30,00,000 है तो उसके अंदर ही 40% जीएसटी लगा रहेगा।
40% GST क्यों लगाया जाता है?
आपका भी मन में आ रहा होगा कि इतना जीएसटी 40% सरकार ऐसा क्यों करती है? इसके पीछे कोई कारण है कुछ में आपको समझा रहा हूं:
1. Revenue Collection (राजस्व बढ़ाना): लक्ज़री और सिन गुड्स से सरकार को बहुत ज़्यादा टैक्स मिलता है, जिससे सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्याणकारी योजना पर खर्च करके देश को आगे ले जा सके।
2. Consumption Control (ज्यादा इस्तेमाल पर रोक लगाना): सिगरेट, गुटखा, कोल्ड ड्रिंक जैसी चीज़ों से हमारा स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, ज्यादा टैक्स लगाने से इनकी इस्तेमाल लोग कम करेंगे यही सरकार का सोचना है।
3. Tax Burden on Luxury Items(लक्ज़री वस्तुओं से अधिक टैक्स वसूलना): साधारण जनता की हर दिन के ज़रूरतों वाली वस्तुओं पर कम टैक्स रखा जाता है ताकि गरीब लोगों को फायदा हो, इसी नुकसान को लक्ज़री वस्तुओं से ज्यादा टैक्स लेकर वसूला जाता है।
इस पोस्ट से जाने:- Tax क्यों भरे? जाने टैक्स भरने के फायदे और नुकसान (Penalty aur Benefits)
40% GST किन चीज़ों पर लागू है?
अब आप यह भी पूरा जान लीजिए किन चीज़ों पर लगाया गया है 40% तक का जीएसटी? में एक एक कर नीचे पूरा लिखा हूं।
1.पान मसाला और तंबाकू उत्पाद: जैसे पान मसाला, सिगरेट, च्यूइंग टबैको, गुटखा, बीडी, हुक्का तंबाकू।
इन पर अभी भी 28% जीएसटी के अलावा Compensation Cess लगता है, जिससे 40% तक पहुँच जाती है, आगे यह हटा दिया जाएगा, और सिर्फ जीएसटी रहेगा।
2.एयरेटेड और शुगर युक्त पेय पदार्थ: कोल्ड ड्रिंक (जैसे कोका कोला, पेप्सी), एनर्जी ड्रिंक्स, कैफीन, शुगर युक्त पेय।
इनसे हमारे समाज और सेहत पर गलत असर डालते है इनको देखते हुए सरकार ने इन पर भी ज्यादा जीएसटी लगाया है।
3.लक्ज़री वाहन (Luxury Vehicles): जैसे पेट्रोल कारें जिनका इंजन 1200cc और से ऊपर लंबाई 4000mm से ज़्याद है, डीज़ल कारें जिनका इंजन 1500cc से ज्यादा है, बड़ी मोटरसाइकिलें जिनका इंजन 350cc से ज्यादा है साथ में यॉट्स, प्राइवेट एयरक्राफ्ट और रेसिंग कारें भी शामिल है।
4.ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाज़ी: जैसे फैंटेसी गेमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन बेटिंग, केसिनो, आईपीएल एंट्री, हॉर्स रेस पर अब 40% जीएसटी लग गया है।
इन सेवाओं पर सरकार ने ज्यादा दर पर टैक्स लगाया है, ताकि इस तरह की गलत कामों को रोका जा सके।
अगर आपको समझ में नहीं आया तो चिंता ना करें, नीचे में इन 40% जीएसटी जो लगा हैं उसका एक टेबल बनकर दिया हूं।
इस पोस्ट से जाने:- Tax और GST में क्या अंतर है? जानें आसान तुलना और पूरी जानकारी
टैक्स ज्यादा होने पर उपभोक्ताओं और व्यापारियों पर असर
कीमत ज्यादा होने पर उपभोक्ताओं पर असर: इन वस्तुओं की कीमत दूसरे वस्तुओं से और पहले से बहुत ज्यादा होगी, इस 40% टैक्स का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
कीमत ज्यादा होने पर व्यापारियों पर असर: इन सामानों को स्टॉक करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ेगी, इन पर आईटीसी का दावा (ITC – Input Tax Credit) कर सकते हैं लेकिन ज्यादा टैक्स होने पर कुछ मुश्किलें आ सकती है, और टैक्स ज्यादा होने से इनका सेल भी कम हो सकते हैं।
इस पोस्ट से जाने:- ITC का दावा क्या है और इसे कैसे करें? जानें इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियम और GSTR-2B का महत्व
GST दरों में बदलाव होने से पुराने ITC का क्या होगा?
यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे जो पूरे 5% और 18% स्लैब के अंदर आ जाएगी लेकिन तम्बाकू जैसे सिन गुड्स पर 40% कुछ समय बाद में पूरा लागू होगा।
ITC (Input Tax Credit) Rules: पुराने खरीदे गए सामान पर इनपुट पर ITC को पूरा ले सकते है, नया नियम डेट के बाद के नए सप्लाई से नए दर पर टैक्स देना होगा।
टैक्स दरों में बदनाम होने पर व्यापारियों को क्या करना चाहिए, हमने विस्तार में यह पोस्ट लिखा है इसको जरूर पढ़ें:– GST दरें कम होने पर क्या करें? जानें पुराने स्टॉक, पेमेंट क्या होगा असर और ITC का पूरा नियम
40% जीएसटी का टेबल
जो मैने आपको ऊपर बताया था जीएसटी के नया और पुराना स्लैब का टेबल बनाएंगे, नीचे आपके लिए टेबल बनाए हूं छोटा सा, इस टेबल से आप पूरा कहानी को समझ जाएंगे।
आइटम | पुराना स्लैब | नया स्लैब (40%) |
तंबाकू उत्पाद (सिगरेट, पान मसाला आदि) | 28% + Cess | जल्दी होगा 40% |
शुगरयुक्त पेय पदार्थ | 28% | 40% |
लक्ज़री मोटर वाहन | 28% | 40% |
ऑनलाइन गेमिंग / बेटिंग | 28% | 40% |
IPL जैसे खेल आयोजन के टिकट | 18% / 28% | 40% |
निष्कर्ष: 40% जीएसटी का
अंत में 40% जीएसटी हर वस्तु और सेवा पर नहीं लगता, बल्कि केवल लक्ज़री सामान और सिन गुड्स पर लगाया जा रहा है, सरकार का इससे मकसद है कि राजस्व भी बढ़े और समाज और स्वास्थ्य पर गलत असर डालने वाली चीज़ों की इस्तेमाल कम हो।
अगर आप व्यापारी हैं तो यह समझना आपके लिए बहुत ज़रूरी है कि आपके बनाए हुए सामान या खरीदे हुए सामान किस स्लैब के अंदर आते हैं, ताकि आप सही ढंग से आईटीसी का दावा और जीएसटी रिटर्न कर सकें।
में उम्मीद करता हू कि 40% जीएसटी के स्लैब कौन सा आइटम पर बनाए है? और इस 40% से अपने व्यावसा को नुकसान से कैसे बचा सकते है यह सब जानकारी आपको मिली है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
इस पोस्ट से जाने:- क्या मोबाइल लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक सामान पर हाल ही में GST दर कम हुई है?