टीडीएस डायरेक्ट टैक्स को समझने में अक्सर सबको थोड़ी परेशानी होती रहती है क्योंकि (सोर्स पर कर कटौती) का मतलब कई बार अप्रत्यक्ष कर भी लग सकता है, लेकिन यह असल में टैक्स लेने का एक तरीका है।
इसका सीधा जवाब है टीडीएस डायरेक्ट टैक्स है, TDS का मतलब (Tax Deducted at Source) जो आपकी पैसा से काटा जाता है और सरकार के पास जमा होता है, आईए इसे विस्तार से समझते हैं।
TDS (स्रोत पर कर कटौती) एक प्रत्यक्ष कर क्यों है?
TDS यानी स्रोत पर कर कटौती, यह भारतीय आयकर प्रणाली का अग्रिम टैक्स लेने का एक हिस्सा है, यह उन लोगों पर पर लगता है जिनकी सैलरी या इनकम ज्यादा हो।
टीडीएस प्रत्यक्ष कर इसलिए है क्योंकि इसका बोझ सीधे किसी पर पड़ता है, और यह उसकी इनकम का हिस्सा है, टीडीएस आपकी कंपनी या बैंक द्वारा काटा जाता है, और सरकार के पास आपके पैन कार्ड के नंबर से जमा होता है।
टीडीएस आयकर का हिस्सा है, टीडीएस में इनकम टैक्स को जमा करने का एक नया तरीका सरकार ने बनाया, और यह प्रत्यक्ष कर किसी व्यक्ति या संस्था की कमाई या संपत्ति पर लगता जाता है।
टीडीएस में क्रेडिट का दावा कर सकते है, जब आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते है इसे ITR कहते है, आप आईटीआर से अपने टैक्स के पूरे हिसाब दे सकते है।
अगर आपका टीडीएस आपकी वास्तविक टैक्स देने से ज़्यादा कटा गया है, तो आप इसे रिफंड ले सकते है, मतलब यह इस बात का प्रमाण है कि टीडीएस से आप एडवांस टैक्स के रूप में दिए थे।
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Direct Tax (प्रत्यक्ष कर) की मूल परिभाषा
प्रत्यक्ष कर मतलब (Direct Tax) वह होता है, जिस टैक्स सीधा आपका इनकम के ऊपर आता है और यह टैक्स आप पर लगता है, इस टैक्स को आप दूसरे के ऊपर नहीं डाल सकते इसीलिए इसे डायरेक्ट टैक्स कहते है।
डायरेक्ट टैक्स आपकी इनकम के ऊपर टीडीएस के रूप में काटा जाता है, यह टीडीएस सिर्फ टैक्स जमा करने का एक तरीका है यह टैक्स का प्रकार में नहीं आता है।
Indirect Tax (अप्रत्यक्ष कर) की मूल परिभाषा
अप्रत्यक्ष कर जिसे (Indirect Tax) कहते है, यह वह टैक्स होता है जिसका बोझ हमेशा दूसरे पर टाला जाता है, जैसे जीएसटी के अंदर सभी अप्रत्यक्ष कर आते है।
जब आप दुकान से या ऑनलाइन से कोई सामान खरीदते हैं तो उस पर भी टैक्स है, जो प्रोडक्ट के दाम के अंदर छुपा रहता है और इस टैक्स का पैसा दुकानदार सरकार को जमा करते है।
यह कर आप, हम, अमीर और गरीब सभी के लिए एक समान है, अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि हमारे दुकानदार तो टैक्स नहीं देता, यह जो डिस्टीब्यूटर होता है या कंपनी आप और हम सबसे तरफ से टैक्स सरकार को जमा करते है।
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निष्कर्ष
टैक्स लेना सरकार का अधिकार है और टीडीएस डायरेक्ट टैक्स है क्योंकि यह हमारे इनकम पर लगती है, टीडीएस हमारे पैसे से पहले ही काटा जाता है, और सरकार के पास हमारा नाम से जमा रहता है, एडवांस टैक्स के रूप में।
टीडीएस आने की वजह से अभी टैक्स के चोरी कम होता है, अगर आपका टीडीएस ज्यादा काटा है तो आप आईटीआर फाइल करने का समय इन पैसे को रिटर्न ले सकते हैं।
में उम्मीद करता हूं कि आपको क्या टीडीएस डायरेक्ट टैक्स है?, और आपके सैलरी या इनकम पर टैक्स कैसे लगता है इनके बारे में जानकारी मिली है, अपने दोस्तों के साथ और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट शेयर करके उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
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