ITR क्या है? ITR फाइल कैसे करें और जानें पूरी प्रक्रिया और नियम

आज में आपको सरल शब्दों में समझूंगा कि ITR क्या है और यह हर भारतीय नागरिक के लिए जानना क्यों जरूरी है, और साथ में आप यह भी जानेंगे कि कैसे आप अपने आईटीआर फाइलिंग को आसान आसान बना सकते है, भले ही आप पहली बार आईटीआर फाइल कर रहे हों।

ITR क्या है? (What is ITR?)

सबसे पहले ITR का पूरा नाम है Income Tax Return (इनकम टैक्स रिटर्न) है, यह एक टैक्स कानूनी फॉर्म है जिसे हर व्यक्ति या संस्था को हर वित्तीय वर्ष के अंत में भारत सरकार के आयकर विभाग के पास जमा करना होता है।

आईटीआर का मुख्य उद्देश्य: इस आईटीआर फॉर्म के जरिए आप सरकार को अपनी कुल कमाई, उस पर लगने वाला टैक्स, और अगर कोई टैक्स पहले ही कटा है (जैसे TDS और TCS), ऐसे सभी जानकारी देते हैं, यह आपकी कमाई का एक रिकॉर्ड होता है।

टैक्स कानूनी बोलता है आईटीआर फाइल करना हर उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य है जिसकी सालाना आय उनके बनाए निश्चित सीमा से ऊपर हो, भले ही उस पर कोई टैक्स न बनता हो।

भारत के हर नागरिक के आईटीआर से सरकार को अपनी कमाई और चुकाए गए टैक्स की जानकारी देना होता है और यह सिर्फ टैक्स देने के लिए नहीं, बल्कि अपनी कमाई किए हुए पैसे का कानूनी सबूत भी है।

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ITR फाइल करना क्यों जरूरी है? (Why is it important to file ITR?)

सरकार ने कुछ ऐसी नियम और टैक्स के सीमा बनाए है अगर आप उनके अंदर आते है तो आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी है, नीचे से जाने वह क्या क्या है।

आईटीआर फाइल करने की कानूनी नियम: आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, यदि आपकी कुल आय ₹2.5 लाख (पुरानी टैक्स व्यवस्था में) या ₹3 लाख (नई टैक्स व्यवस्था में) इससे ज़्यादा है, तो आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है।

लोन और वीजा लेने के लिए: आपको होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन के लिए बैंक अक्सर पिछले 2 से 3 साल के आईटीआर की कॉपी मांगते हैं, और विदेश यात्रा के लिए वीजा अप्लाई में भी यह एक जरूरी कागज है, अगर आप आईटीआर फाइल करते है तो सब आप पर भरोसा करते है।

TDS का रिफंड क्लेम करने के लिए: यदि आपका टीडीएस आपके कंपनी या कोई आपकी कुल टैक्स देने से ज़्यादा कटा है, तो आप आईटीआर फाइल करके उस ज्यादा टैक्स के पैसे का रिफंड दावा कर सकते हैं।

नुकसान को आगे बढ़ाना (Carry Forward Losses): आपके व्यवसाय या पूंजीगत लाभ में हुए नुकसान को अगले सालों में एडजस्ट करने के लिए समय पर आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है।

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ITR फाइल करने से पहले क्या तैयारी करें?

अगर आप पहली बार आईटीआर फाइल करने जाएंगे तो कुछ डॉक्यूमेंट आपको पहले से ही तैयार करके रखना है ताकि आपको बाद में दिक्कत न हों।

PAN और Aadhar कार्ड: सबसे पहले आपका पैन और आधार दोनों का लिंक होना जरूरी है और शायद आपने भी कर लिया है और सबकुछ का सही जानकारी होना जरूरी है।

फॉर्म 16: यह फॉर्म 16 आपके नियोक्ता (Employer) द्वारा जारी किया जाता है और इसमें आपकी सैलरी, भत्ते और कटा गया टीडीएस का पूरा जानकारी होती है, अगर यह फॉर्म आपके पास नहीं है तो कंपनी से मांगे।

फॉर्म 16 और 16A आपका टीडीएस और टीसीएस का सर्टिफिकेट है अगर आपका कोई टीडीएस या टीसीएस कटा है, तो उसके कागज भी अपने पास रखे।

फॉर्म 26AS, AIS और TIS: ये तीनों दस्तावेज आपकी टैक्स से जुड़ी सभी जानकारी को दिखाते हैं, AIS का मतलब (Annual Information Statement) इसमें आपकी सभी कमाई (जैसे सैलरी, बैंक का ब्याज, म्यूचुअल फंड्स की बिक्री आदि) ऐसे सभी की पूरा जानकारी होती है।

फॉर्म 26AS यह आपके एक पासबुक की तरह है इसमें आपको कटे गए सभी टीडीएस का जानकारी रहता है, इन्हें अपने आईटीआर भरने से पहले जरूर एकबार जरूर देखें।

निवेश किया हुआ दस्तावेज: अपने टैक्स को बचाने के लिए आपके द्वारा किए गए सभी निवेशों के सबूत (जैसे LIC प्रीमियम रसीद, PPF पासबुक, आदि) सभी संभलकर रखें, यह आपके सेक्शन 80C और 80D के तहत छूट क्लेम करने के लिए मदद करेगी।

बैंक स्टेटमेंट: बचत खाते, FD के ब्याज और अन्य इनकम से आया पैसे की प्रूफ के लिए बैंक स्टेटमेंट भी रखे।

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ITR कितने प्रकार के होते हैं? (How many types of ITR are there?)

जान लीजिए कि कितने प्रकार के आईटीआर होते है ताकि कोई भी सवाल आपका मन का छूटे न।

ITR-1: यह आईटीआर वेतन, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोतों से आय (ब्याज आदि) वाले व्यक्तियों के लिए इस्तेमाल होता है।

ITR-2: यह आईटीआर जिनके पास पूंजीगत लाभ (Capital Gains) हैं, या एक से ज़्यादा हाउस प्रॉपर्टी से आय है इनके लिए इस्तेमाल होता है।

ITR-3: यह आईटीआर जिनका व्यापार या पेशे से आय होता है, यह उन व्यक्तियों के लिए इस्तेमाल होता है।

ITR-4: यह आईटीआर उन व्यक्तियों के लिए जो अनुमानित आय योजना (Presumptive Taxation Scheme) के तहत अपनी आय की घोषणा करते हैं यह उनके लिए इस्तेमाल होता है।

ITR-5, ITR-6 और ITR-7: यह आईटीआर कंपनियों, पार्टनरशिप फर्म और ट्रस्ट जैसे अन्य संस्थाओं के लिए इस्तेमाल होता हैं, इन तीनों के बारे में आपको ज्यादा जानकारी नहीं होने से भी चलेगा।

सभी आईटीआर फाइल के अलग अलग नंबर दिए गए है, ताकि आप जिस काम को करते है उसी काम के सही आईटीआर को चुने, और आगे आपको परेशानी न हो।

ITR फाइल करने की पूरी प्रक्रिया (The complete ITR filing process)

आईटीआर जमा करने के कुछ तरीका होता है, में ज्यादा डिटेल में नहीं बता रहा हु फिर भी आप समझ जाएंगे।

स्टेप 1, लॉग इन करें: आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर, और अपने पैन नंबर और पासवर्ड डालकर लॉग इन करें।

स्टेप 2, फॉर्म चुनें: ‘e-File’ सेक्शन में ‘Income Tax Return’ चुनें, सही असेसमेंट ईयर चुनें साथ में आईटीआर फॉर्म चुनें, और ऑनलाइन मोड चुनें।

स्टेप 3, व्यक्तिगत जानकारी भरें: आपका नाम, पता, पैन नंबर आदि जानकारी ऑटोमेटिक भर जाएगी।

स्टेप 4, आय का विवरण भरें: अपनी आय के सभी स्रोतों की जानकारी भरें और टीडीएस और टीसीएस की जानकारी की जांच करें।

स्टेप 5, टैक्स की गणना और भुगतान: सिस्टम आपके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आपकी टैक्स देनदारी की गणना करेगा, यदि कोई टैक्स देना बाकी है तो उसको जमा करें।

स्टेप 6, ई-वेरिफिकेशन: आईटीआर को आधार OTP, बैंक अकाउंट या नेट बैंकिंग के माध्यम से ई-वेरिफाई करें, इस प्रक्रिया से आपका आईटीआर फाइलिंग पूरा हो जाएगी।

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ITR फाइल करने की अंतिम तिथि (ITR filing due date)

वेतनभोगी व्यक्तियों और गैर-ऑडिट मामलों के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई तक का होती है।

और व्यवसायों करने वालों लोगों के लिए, यह तिथि आमतौर पर 31 अक्टूबर होती है, लेकिन सरकार आईटीआर फाइलिंग का डेट बढ़ा सकता है कुछ कारण पर।

यदि किसी कारण बश आप लास्ट डेट के बाद अपना आईटीआर जमा करते हैं, तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है, इसीलिए हमेशा सही समय पर अपना रिटर्न भरे।

निष्कर्ष (Conclusion): आईटीआर फाइलिंग पर

अभी डिजिटल जमाना में आईटीआर फाइल करना पहले से और कहीं ज़्यादा आसान हो गया है, इसलिए आपको चिंता करने का जरूरत नहीं है, और आप आसानी से इस काम को कर सकते है।

कुल मिलाकर आईटीआर फाइल करने से आप कानूनी परेशानी से खुदको बचाते है साथ में आप अपने काम जैसे लोन, वीजा ऐसे कामों के लिए भी दिखा सकते है, क्योंकि आप आईटीआर फाइल करके देश के एक जिम्मेदार नागरिक जो बन गए है।

हमेशा याद रखें कि टैक्स नियम पर हर साल कुछ ना कुछ बदलाव होते रहते हैं, इसीलिए हमेशा नवीनतम नियम की ओर ध्यान रखें, और आपको अगर टैक्स के विषय पर कोई भी परेशानी हो तो हमेशा एक अच्छे टैक्स सलाहकार (CA) से संपर्क करें, वह आपको सही सलाह देंगे।

में उम्मीद करता हू कि आईटीआर क्या होता है? इसके सभी तरीका और इसे जमा करने के सभी तरीका को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।

में और एक पोस्ट लिखा इससे आपको और थोड़ा सा आइडिया मिल जाएंगे इसीलिए इसे भी अब पढ़ लीजिए:- बिना CA के ITR कैसे फाइल करें? जानिए आसान तरीका स्टेप-बाय-स्टेप

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