इनकम टैक्स क्या है? यह तो सबको पता है कि हम अपने इनकम का कुछ हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार को देते है इसे इनकम टैक्स कहते है, लेकिन विस्तार से टैक्स के बारे में सबके पास जानकारी नहीं होती है।
इसीलिए आज में यह पोस्ट लिख रहा हु ताकि टैक्स क्या है इस विषय पर आपके मन में उठा हुआ सभी सवाल का जवाब दे सकू टैक्स में बहुत सारी बातें आती है जो आपको इस पूरा पाठ को पढ़ने के बाद समझमे आयेगा।
इनकम टैक्स (Income Tax): एक प्रत्यक्ष कर है मतलब (Direct Tax) हैं, जिसे हमारे भारत सरकार देश के ज्यादा सैलरी मिलने वाली लोगों से, सभी कंपनियों से, व्यावसाय करने वाले लोगों से और बाकी सभी संस्थाओं की सालाना आय पर लगाती है.
यह टैक्स सरकार के लिए पैसा जुटाने का एक अच्छा और सही रास्ता है, इन टैक्स के पैसा का इस्तेमाल सरकार देश के विकास और सार्वजनिक सेवा में लगाती है जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, देश के रक्षा करने वाले सेना के लिए खर्चा करती है, यही इनकम टैक्स की परिभाषा और उद्देश्य है।
और भी बहुत सारे काम जो सरकार लोगों के लिए करती है जैसे योजना लेकर आती है वह सभी पैसा हमारे टैक्स से लेकर खर्च करती है, अगर एक लाइन में इनकम टैक्स क्या है बताऊं तो कि आप अपने कमाई का एक हिस्सा सरकार को देते हैं और इसे सरकार पूरे देश को चलाते हैं।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
कौन देता है इनकम टैक्स?
भारत में लग भग सभी जिनकी सालाना इनकम सरकार के निर्दिष्ट किए हुए इनकम स्लैब से ज्यादा होता है उनको सरकार तो टैक्स देना पड़ता है और जिनकी इनकम कम होती है इसे छूट सीमा कहा जाता है उन्हें इनकम टैक्स नहीं देना होता है.
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि इनकम कितने प्रकार की होती है जिनपर हमें टैक्स देना होता है तो सरकार के हिसाब से पांच प्रकार के होते है जो नीचे दिया गया है।
आयकर अधिनियम के अनुसार आय के 5 स्रोत
भारतीय कानून आयकर अधिनियम (Income Tax Act, 1961) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति की इनकम को नीचे दिए गए इन्हीं पाँच मुख्य भिवाग में बांटा गया है।
- Income from Salary (वेतन से आय)
- Income from House Property (घर की संपत्ति से आय)
- Income from Capital Gains (पूंजीगत लाभ से आय)
- Income from Profits and Gains from Business or Profession (व्यापार या पेशे से होने वाले लाभ)
- Income from Other Sources (अन्य स्रोतों से आय)
इनमें सबसे पहले आता है सैलरी से इनकम करने वाला इसे वेतनभोगी व्यक्ति Salaried Individuals कहते है, मतलब जिनकी इनकम नौकरी से वेतन के रूप में आती है ।
दूसरा है इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी मतलब मान लीजिए आपका कोई घर या दुकान है और आप उसको किराए में देते है और इससे आपको इनकम आती है, तो यह हाउस प्रॉपर्टी के इनकम में आता है।
तीसरा है इनकम फ्रॉम कैपिटल गेन, मतलब आप शेयर मार्केट में निवेश कर पैसा कमाते हैं, या कोई हाउस प्रॉपर्टी लेते हैं और इसे दो या तीन साल बाद सेल करते हैं इससे जो इनकम आता है उसे इनकम फॉर कैपिटल गेन कहते है।
चौथा है इनकम फ्रॉम बिज़नस और प्रोफेशन, मतलब जो लोग सेल्फ एम्प्लॉयड है और जो अपना खुद का काम करते है, इस लिस्ट में आता है डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, फ्रीलांसर, अपने बिजनेस चलाते है और भी हैं.
और पांचवा है अन्य आय वाले व्यक्ति मतलब ऊपर के चारों लिस्ट पर नाम नहीं है जैसे बैंक की इंटरेस्ट, या शेयर से डिविडेंड आया या अन्य बाकी सभी जगह से इनकम आता है उसे इनकम फ्रॉम आदार सोर्स में आते है।
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इनकम टैक्स कैसे लगता है और इनकम टैक्स स्लैब क्या है?
हमारे भारत में इनकम टैक्स “टैक्स स्लैब” के हिसाब से लगता है, अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि टैक्स स्लैब क्या है? टैक्स स्लैब का मतलब है कि सरकार के निर्धारित किया हुआ राशि के ऊपर अगर आपकी इनकम है तो आप इनकम टैक्स स्लैब के अंदर आयेंगे।
आप जितना अधिक पैसा कमाते है, आपको उन पैसे के ऊपर उतना ही ज्यादा प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है, भारत सरकार समय समय पर इन टैक्स स्लैब और टैक्स के प्रतिशत पर बदलाव करती रहती है।
इसको इक उदाहरण से समझे: एक विशिष्ट वित्तीय वर्ष (Financial Year) में ये टैक्स के दरें बदलता हैं, और नीचे जो लिस्ट है वह वित्तीय वर्ष 2025-2026 का हैं।
आय सीमा (₹) | टैक्स दर |
0 से 3,00,000 तक | 0% |
3,00,001 से 7,00,000 तक | 5% |
7,00,001 से 10,00,000 तक | 10% |
10,00,001 से 12,00,000 तक | 15% |
12,00,001 से 15,00,000 तक | 20% |
और 15,00,001 से ऊपर तक | 30% |
ऊपर के टेबल के अंदर यह एक छोटा सा उदाहरण है इनकम टैक्स स्लैब का, और टैक्स स्लैब लोगो की उम्र, लिंग, वरिष्ठ नागरिक, अति वरिष्ठ नागरिक, और पुरानी साल से नई टैक्स साल के हिसाब से अलग अलग होता हैं, सभी टैक्स के दर के लिए यह इनकम टैक्स के साइट पर क्लिक करें https://www.incometax.gov.in/।
टैक्स में वित्तीय वर्ष को समझने के लिए यह पोस्ट पढ़ें:- आयकर के वित्तीय वर्ष (FY), प्रीवियस ईयर (PY) और असेसमेंट ईयर (AY) को आसान भाषा में समझें
टैक्स छूट और कटौतियाँ (Tax Exemptions and Deductions)
भारत सरकार अपने देश के नागरिकों को कुछ विशेष निवेशों या खर्चों करने पर “टैक्स में छूट और कटौतियाँ” जैसे सुविधा प्रदान करती है, जिससे आपकी टैक्स कम हो जाती है और कम टैक्स दे सकते है।
ये नियम संस्थाओं में दान और निवेश को ज्यादा बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया हैं, यह टैक्स छूट को कुछ उदाहरण से समझे धारा (Section) के साथ:-
- धारा 80C: यह सबसे लोकप्रिय धाराओं में से एक है, जिसमें आप ₹1.5 लाख तक का निवेश विभिन्न जगह जैसे (PPF, EPF, NSC, जीवन बीमा प्रीमियम, होम लोन का मूलधन भुगतान, बच्चों की ट्यूशन फीस आदि) में करके अपने टैक्स को बचा सकते हैं।
- धारा 80D: के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के भुगतान पर छूट मिलता है।
- धारा 24(b): के तहत होम लोन पर दिए गए ब्याज पर पर छूट मिलता है।
- धारा 80G: के तहत कुछ चैरिटेबल संस्थाओं को दिए गए दान पर छूट मिलता है।
ऊपर के इन 4 धारा के नियम के साथ टैक्स कटौतियों के मदद से आप अपनी पूरा इनकम के टैक्स देने में कम टैक्स दे सकते हैं, जिससे आपकी टैक्स का दर कम हो जाएगी।
भारत में इनकम टैक्स का प्रशासन को समझे
भारत में इनकम टैक्स का प्रशासन CBDT मैनेज करती है, सीबीडीटी का पूरा नाम हिंदी में “केंद्रीय प्रत्यक्ष टैक्स बोर्ड” होता है, और CBDT का पूरा नाम इंगिश में Central Board of Direct Taxes होता है।
CBDT भारत के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अन्दर आता है, जो आयकर विभाग (Income Tax Department) है वह CBDT के नियम के ऊपर काम करता है जैसे टैक्स को इकट्ठा करना, नीतियों का पालन करना और नए टैक्स कानूनों को लागू करना ऐसे काम करता है।
आपको पता होना चाहिए हमारा वित्त मंत्री (Finance Minister) कौन है, हमारा वित्त मंत्रालय के अधिकारी श्रीमती निर्मला सीतारमण जी है, जो 2019 से इस पद को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में संभाल रहे हैं।
इस पोस्ट से जाने:- ITC का दावा क्या है और इसे कैसे करें? जानें इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियम और GSTR-2B का महत्व
इनकम टैक्स फाइल करना (ITR – Income Tax Return)
हर वित्तीय वर्ष के शेष में, जिन लोगों की इनकम सरकार के बनाए हुए टैक्स के राशि से ऊपर होता है उन्हें अपनी इनकम किए हुए पैसे का विवरण आयकर रिटर्न (ITR) के रूप में आयकर विभाग को जमा करना पड़ता है.
यह आईटीआर ऑनलाइन ही होता है और इसकी लास्ट डेट 31 जुलाई का होती है, यह डेट सरकार कई कारणों पर बढ़ा सकती है, सबको समय समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कराना चाहिए क्योंकि यही कानून है।
और समय समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से आप टैक्स रिफंड का दावा कर सकते है, यह आपको बैंक से बड़े लोन, और वीजा अप्लाई करने में भी बड़े सहायक होते है, क्योंकि तब आपके ऊपर सभी भरोसा करते है क्योंकि आप आईटीआर के मदद से देश के जिम्मेदार नागरिक बन गए।
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टैक्स के बारे में आपको समझना क्यों जरूरी है?
अक्सर हम में से बहुत सारे लोग टैक्स को एक बोझ या जटिल विषय मानते हैं क्योंकि यह समझना मुश्किल लगता है, लेकिन सच तो यह है कि टैक्स के बारे में जानना आपके लिए उतना ही जरूरी है जितना अपनी कमाई के बारे में जानना, टैक्स से सिर्फ सरकारी नियमों का पालन करना नहीं, बल्कि अपने भविष्य की सालाना योजना (financial planning) बनाने का सबसे आसान तरीका है।
टैक्स के बारे में समझकर आप कानूनी रूप से अपनी मेहनत की कमाई को बचा सकते हैं, क्योंकि सरकार ने इनकम टैक्स में कई तरह की छूट (Exemptions) और कटौती (Deductions) दी हैं जो हमने ऊपर बात की है आप इसको ध्यान में रखे।
अगर आपके पास इन नियमों की पहले से जानकारी होगी, तो आप इन छूटों और कटौती का फायदा उठा सकते हैं, और अपनी अंतिम टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं, और टैक्स के नियमों की सही जानकारी आपको आगे भविष्य में होने वाली टैक्स कानूनी परेशानियों और जुर्माने से बचाती है।
जब आप सही समय पर अपना आईटीआर फाइल करते हैं और अपनी आय की सही रिपोर्ट देते हैं, तो आपको आयकर विभाग से किसी भी टैक्स से संबंधित नोटिस का डर नहीं रहता, यह आपको वित्तीय सुरक्षा और मानसिक शांति का अनुभव कराएगी।
असल में टैक्स को समझना आपको देश के एक सशक्त नागरिक बनाता है, आप यह जान पाते हैं कि आपकी कमाई का एक हिस्सा कैसे देश के विकास, सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा जैसे सार्वजनिक कामों में योगदान दे रहा है, कुल मिलाकर टैक्स के बारे में जानकारी आपको अपने पैसों पर बेहतर नियंत्रण देती है।
साथ ही आपको एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनाती है, इसीलिए टैक्स के नियमों को समझना जरूरी है अगर आप टैक्स के अंदर नहीं आते हैं और आपको इनकम टैक्स से नोटिस आ जाए तो आप इससे बचने के तरीका को भी पहले से ही जानते होंगे।
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निष्कर्ष: टैक्स के विषय में
छोटा सा जवाब में अगर आपको दो की इनकम टैक्स क्या है? इनकम टैक्स भारत की अर्थव्यवस्था बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण अस्त्र है, टैक्स से सरकार को वह पैसा मिलता है जिससे सरकार सार्वजनिक मुफ्त सेवाओं को चलाने और देश के विकास को गति देने के काम में लगती है।
हमें भी देश के एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए अपनी इनकम पर ईमानदारी से और समय पर टैक्स को भरने से हमारे राष्ट्र के अच्छे निर्माण में एक सीधा योगदान पड़ता है।
एक एक्स्ट्रा जानकारी आप के लिए लोग टैक्स को चोरी कर रहे इसीलिए टीडीएस और टीसीएस सरकार ने लाया, इसके मदद से टैक्स पहले ही काटकर आपके पैन कार्ड से सरकार के पास जमा हो जाती है, हमने टेक्स्ट के अंदर पोस्ट का लिंक एड किया आप चाहे तो क्लिक कर पढ़ सकते है।
में उम्मीद करता हू कि Income Tax क्या होता है? इसके सभी बात को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
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