अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में आ रहे हैं, या आने वाले हैं तो यह सब आपके लिए जानना बहुत जरूरी है की आयकर के वित्तीय वर्ष (FY), प्रीवियस ईयर (PY) और असेसमेंट ईयर (AY) इन सब का मतलब क्या है।
आज हम इस पोस्ट में सब आपको विस्तार से बताएंगे इनकम टैक्स के अंदर FY, PY और AY यह सब क्या है और कहां कहां इस्तेमाल होता है, ताकि आपके मन में उठे सवाल का सभी जबाव मिल सके, इसलिए आप इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
देखिए हमारा जो नया साल शुरू होता है वह 1 जनवरी से होता है और 31 दिसंबर को खत्म होता है, लेकिन जब आप टैक्स के अंदर आएंगे तो आपके लिए 1 जनवरी या 31 दिसंबर सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखते।
पहले से ही हमारा भारत वर्ष में जो इनकम टैक्स का हिसाब होता है वह शुरू होता है चौथा महीने से, अभी मान लीजिए 2025 चल रहा है, तो हमारा टैक्स ईयर शुरू हुआ 01/अप्रैल/2025 से और 31/मार्च/2026 मैं खत्म होगा।
अगर आप जल्द ही अपना इनकम टैक्स सरकार को देने वाले हैं तो आप यह जान लीजिए की आपको 01/अप्रैल/2025 से 31/मार्च/2026 इन 12 महीने में आपने कितना इनकम किया और कितना इनकम टैक्स देना है इन्हीं डेट के अंदर आपका हिसाब होगा।
हमारे साल के बीच में जो टैक्स ईयर आता है इन्हीं को आसानी से समझने के लिए यह FY, PY और AY को लाया गया है नीचे मैं आपको एक एक पॉइंट को एग्जांपल के साथ समझाया हूं।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
आयकर में वित्तीय वर्ष (FY) क्या है?
टैक्स में FY का मतलब होता है वित्तीय वर्ष और इंग्लिश में Financial Year कहते है, इसमें 12 महीने की समय होती है जिसके बीच आप जितना इनकम करेंगे यह हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को खत्म होता है जो पहले मैने आपको बताया।
हमारे भारत सरकार और बाकी सभी छोटा बड़ा बिजनेस करते हैं कंपनी चलाते हैं वह सभी हिसाब निकास इसी डेट को फॉलो कर करते हैं, आपने सैलरी से कमाया या बिज़नेस से कमाया या कंपनी से कमाया वह सभी इनकम आपका वित्तीय वर्ष मतलब FY (Financial Year) के अंदर आता है।
प्रीवियस ईयर (PY) क्या होता है और इसका क्या मतलब है?
टैक्स में PY मतलब होता है प्रीवियस ईयर और इंग्लिश में Previous Year कहते है, आयकर विभाग के कानून में वित्तीय वर्ष का ही दूसरा नाम प्रीवियस ईयर है, FY और PY इन दोनों में आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है दोनों एक ही है सिर्फ नाम अलग अलग है।
इनकम टैक्स के नियम के अनुसार, वह वित्तीय वर्ष जिसमें आपने पैसा कमाया है उसे ‘प्रीवियस ईयर’ कहा जाता है, उदाहरण के लिए समझे यदि आप 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक की पूरे कमाई का हिसाब सरकार को दे रहे हैं, तो यह 2025-2026 आपका प्रीवियस ईयर (PY) होगा और सरकार का टैक्स कानून इसी प्रीवियस ईयर के इनकम पर टैक्स लगाएगी।
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असेसमेंट ईयर (AY) क्या है और यह PY से कैसे अलग है?
टैक्स में AY का मतलब होता है असेसमेंट ईयर और इंग्लिश में Assessment Year कहते है, असेसमेंट ईयर तब होता है जब आप अपने 12 महीने के प्रीवियस ईयर में इनकम के बाद जब टैक्स देने की बारी आती है।
जिस साल में आप अपने इनकम का हिसाब कर सरकार को टैक्स देते है तब उसे असेसमेंट ईयर कहा जाता है, इस असेसमेंट ईयर में आप अपने पिछले साल का पूरा हिसाब कर के अपने बिजनेस से या सैलरी से कितना कमाया उसे प्रूफ के साथ ITR फाइल में सरकार के पास जमा करते हैं।
AY यह PY से इसलिए अलग है क्योंकि आपका कमाई PY में होती है और उस पैसे का टैक्स आप सरकार को AY में देते है, अगर आपका प्रीवियस ईयर 24-25 है मतलब (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025) तो आपका असेसमेंट ईयर होगा 25-26 मतलब (1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक)।
FY, PY और AY के बीच संबंध (उदाहरण सहित समझें)
ये तीनों नाम सबके ऊपर लागू होता है और यह एक ही सालाना टैक्स चक्र के हिस्से हैं, आपका मन में अभी भी थोड़ा सा संदेह रहेगा FY, PY और AY के बीच संबंध के बारे में इसलिए आप इसे उदाहरण सहित समझें।
- FY का मतलब (Financial Year) है, जब आप पैसा कमाते हैं इन 12 महीने के अंदर (जैसे 1 अप्रैल 2024 – 31 मार्च 2025) तक।
- PY का मतलब (Previous Year) हैं, आयकर विभाग में PY और FY दोनों एक ही है (यानी 2024-2025) जिस साल आप पैसा कमाते है।
- AY का मतलब (Assessment Year) हैं, मतलब जिस साल आप अपने पैसे का टैक्स सरकार को जमा करते हैं, जैसे आपने पैसा कमाया PY यानी 2024-2025 और टैक्स भरते हैं AY यानी 2025-2026 में।
और एक छोटा सा उदाहरण से समझे:- यदि आपने 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक (आपका FY या PY) में ₹50 लाख रुपया कमाए, तो आप इसका आयकर रिटर्न 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच (आप अपना AY) फाइल करेंगे।
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आयकर रिटर्न फाइल करते समय FY, PY और AY का महत्व
आप जो अपना इनकम का कुछ पैसा सरकार के पास टैक्स के रूप में देंगे उस टैक्स का हिसाब का जमा आप आईटीआर के रूप में करते हैं, ITR का मतलब है इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return), आप जब अपना आईटीआर फाइल करेंगे तब आपको इन तीनों वर्षों का अंतर समझना बहुत ही ज़रूरी है।
क्योंकि यह FY, PY और AY सभी के लिए समान रूप से काम करते हैं, इसमें अमीर गरीब, कला गोरा, लड़का लड़की यह कुछ मायने नहीं रखता सबके लिए यह रूल बराबर है इसलिए आप इसको अच्छे से अपने दिमाग में बैठा ले।
- आपको हमेशा अपना सही असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर चुनना है जब आप ऑनलाइन ITR फाइल जमा करते हैं।
- आपके ITR में भरने वाली इनकम प्रीवियस ईयर की भरनी है।
- अगर आप PY या AY का चुनाव गलत करते है आपका रिटर्न अमान्य हो जाएगा और आपको आयकर विभाग के तरफ से नोटिस भी आ सकती है।
इसीलिए आप अपने आयकर रिटर्न फाइल करने के समय एक एक लाइन और पॉइंट को अच्छे से ध्यान से देखे कि आपने सब कुछ सही से किया हो जैसे आपका इनकम डिटेल्स और प्रीवियस ईयर या असेसमेंट ईयर।
लेकिन मेरे इन बातों से आपको घबराना नहीं है कि गलत हो गया तो क्या करेंगे मैं इस पोस्ट में जो आपको बताया वह आप अच्छे से ध्यान में रखें और जब बहुत लोग कर रहे हैं तो आप भी कर सकते हैं, इसे आप सेल्फ असेसमेंट टैक्स से समझे।
सेल्फ असेसमेंट टैक्स क्या है?
मैंने सब कुछ का जिक्र पोस्ट में कर दिया है लेकिन इसमें और एक बात आती है सेल्फ असेसमेंट टैक्स (Self assessment Tax) जिसे हिंदी में स्व मूल्यांकन कर कहते है।
सेल्फ असेसमेंट टैक्स जहां पर व्यक्ति खुद अपने टीडीएस और टीसीएस, इनकम और टैक्स से जुड़ी सभी हिसाब निकास खुद ही करता है और वित्तीय वर्ष के अंत में अपने बचे हुए टैक्स सरकार के पास जमा करता है।
मैं इस पोस्ट पर कई बार सैलरी का जिक्र किया है अब आपका मन में एक सवाल आ रहा होगा कि अगर कोई महीने में 20000 की सैलरी से कमाता है तो क्या उसको भी टैक्स देना पड़ेगा।
जी नहीं अगर कोई महीने में 20000 कमा रहा हैं तो उसका सालाना होता है 240000, उसका यह टोटल सैलरी पर टैक्स नहीं लगेगा क्योंकि यह अमाउंट टैक्स के अंदर नहीं आता है, सैलरी से उनको टैक्स देना होता है जिनका सैलरी ज्यादा है, जो आजकल कंपनियां टीडीएस के रूप में सैलरी से कट लेती है।
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निष्कर्ष आयकर में सही वर्ष समझना क्यों ज़रूरी है?
आयकर में सही वर्ष समझना इसीलिए ज़रूरी है क्योंकि FY, PY और AY को सही से समझना सिर्फ एक कठिन शब्द जानने से कही ज्यादा जरूरी है, क्योंकि यह तीनों आपकी टैक्स नियमों की प्रक्रिया है।
आयकर में सही वर्ष समझने से और चुनने से आप गलती करने से बच जाते हैं और सही समय पर सही आयकर रिटर्न फाइल कर पाते हैं, और सरकारी टैक्स रिलेटेड कानून से बच जाते हैं, और यह आपको अपनी इनकम और टैक्स से जुड़ी सभी लेन देन ट्रैक करने में मदद मिलता है।
आप अगर टैक्स भर रहे हैं या जीएसटी दे रहे हैं सरकार को दोनों ही मामलों में आपको इसी डेट को फॉलो करना होगा, जीएसटी और टैक्स देने वालों के लिए 01/अप्रैल/2025 से 31/मार्च/2026 का अंदर ही हिसाब आता है।
में उम्मीद करता हू कि आयकर में वित्तीय वर्ष (FY), प्रीवियस ईयर (PY) और असेसमेंट ईयर (AY) होता है? इनके बारे में आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
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