अगर आप एक फ्रीलांसर हैं या अपना छोटा मोटा बिज़नेस चलाते हैं, तो आपने GSTIN, PAN और TAN जैसे शब्दों को कई बार सुनने को मिली है, यह सभी नंबर टैक्स से जुड़े काम के लिए हैं, लेकिन हर एक का उद्देश्य और काम अलग अलग होता है।
हमारे भारत में व्यवसाय करने के लिए अलग अलग पहचान संख्या (Identification Numbers) की ज़रूरत होती है, यही है GSTIN, PAN और TAN इन तीनों को लेकर बहुत लोग भ्रमित रहते हैं कि क्या यह एक जैसे हैं या अलग अलग नंबर है?
आज इस पोस्ट में हम विस्तार से समझेंगे कि इन तीनों में क्या फर्क है, किसके लिए कौन सा नंबर ज़रूरी है और किसका इस्तेमाल कहाँ होता है, आपको एक ही पोस्ट में सब जवाब मिल जाएगा इसीलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े, आईए इन तीनों टैक्स नंबरों को एक एक करके समझते हैं ताकि आपको कोई सवाल मन में न रहे।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
PAN कार्ड क्या हैं?
PAN का पूरा नाम परमानेंट अकाउंट नंबर (Permanent Account Number) होता है, यह आयकर विभाग से बनाया जाता है, और यह 10 अंक का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर होता है जो भारत में 18 साल के बाद हर टैक्सपेयर की पहचान के लिए काम में आता है।
पैन कार्ड का मुख्य उद्देश्य: इस कार्ड से इनकम टैक्स डिपार्मेंट हमारे सभी सालाना लेन देन पर नज़र रखता है, और बैंक अकाउंट खोलने के लिए, GSTIN बनाने के लिए, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए, जहां भी पैसा का काम होता है वहां पर पैन नंबर ज़रूरी होता है।
किसे बनाना चाहिए: हर एक व्यक्ति 18 साल के बाद, कंपनी और बिज़नेस चलाने के लिए पैन नंबर ज़रूरी होता है।
पैन का फॉर्मेट: ABCDE1234F यह (5 अक्षर + 4 अंक + 1 अक्षर) का होता है।
हमने पूरा विस्तार से पैन कार्ड के बारे में लिखा है जरूर पढ़ें:- पैन कार्ड क्या है? जानें क्यों ज़रूरी है यह 10 अंकों का नंबर और इसके फायदे (पूरी जानकारी)
TAN कार्ड क्या हैं?
TAN का पूरा नाम टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर (Tax Deduction and Collection Account Number) होता है, यह भी एक 10 अंक का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर होता है।
टैन कार्ड का मुख्य उद्देश्य: यह कार्ड सिर्फ़ उन लोगों या कंपनियों के लिए ज़रूरी है जिन्हें दूसरे किसी के पेमेंट पर टीडीएस (TDS) या टीसीएस (TCS) काटना होता है।
किसे बनाना चाहिए: अगर आपका बिज़नेस से किसी को आप सैलरी देता है या किसी फ्रीलांसर को पेमेंट करना है, और उस पर टीडीएस काटता है तो आपको टैन नंबर लेना होगा, अगर आप अकेले काम करते हैं और किसी का टीडीएस नहीं काटते, तो आपको इस कार्ड की ज़रूरत नहीं है।
टैन कार्ड का फॉर्मेट: DELT12345B यह (4 अक्षर + 5 अंक + 1 अक्षर) का होता है।
टैन का इस्तेमाल: कंपनी को टीडीएस रिटर्न जमा करने के लिए, और TDS या TCS प्रमाणपत्र (Form 16 और 16A) बनाने के लिए इस्तेमाल होता है।
इस पोस्ट से जाने:-TDS और TCS में क्या है अंतर? आसान भाषा में समझें Tax Deduction at Source और Tax Collected at Source
GSTIN नंबर क्या है?
GSTIN का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (Goods and Services Tax Identification Number) है, यह एक 15 अंक का नंबर है जो जीएसटी नियम के अंदर रजिस्टर्ड हर व्यापारी या कंपनी को मिलता है।
जीएसटीआईएन का उद्देश्य: यह आपके व्यवसाय की जीएसटी के नाम से पहचान करता है, यह नंबर से चालान (invoice) बनाने, (इनपुट टैक्स क्रेडिट) आईटीसी का दावा करने और जीएसटी रिटर्न भरने के लिए चाहिए होता है।
जीएसटीआईएन किसे बनाना चाहिए: अगर आपके बिज़नेस का सालाना टर्नओवर वस्तु में ₹40 लाख और सेबा में ₹20 लाख से ज़्यादा होता है, तो आपको जीएसटी नंबर लेना है।
जीएसटीआईएन नंबर का फॉर्मेट: 07ABCDE1234F1Z5 यह (पहले 2 राज्य कोड होता है + 10 नंबर PAN का + अंक + कैरेक्टर + अंक) ऐसा होता है।
हमने पूरा विस्तार से जीएसटीआईएन के बारे में लिखा है जरूर पढ़ें:- GSTIN क्या है? जानें क्यों ज़रूरी है यह 15 अंकों का नंबर और इसके हर अंक का मतलब
टैन (TAN) और पैन (PAN) में क्या अंतर है?
- पैन कार्ड खुद के पहचान के लिए होता है, और सरकार इस कार्ड से हमारा लेन देन को ट्रैक करती है।
- टैन कार्ड कंपनी या बिजनेस ओनर के लिए होता है, जब वह किसी को पैसा देते है और उस पैसे में से टैक्स बनता है तो वह टीडीएस और टीसीएस काटते है।
एक फ्रीलांसर के लिए कौन सा नंबर ज़रूरी हैं?
एक फ्रीलांसर के लिए पैन, टैन और जीएसटीआईएन यह तीनों नंबर की जरूरत होते हैं इसका कारण में आपको नीचे से समझ रहा हूं:
- PAN: यह कार्ड हमेशा चाहिए होता है सब को आधार कार्ड के तरह, इससे आपके इनकम टैक्स रिटर्न भरने और बैंक से लेन देन के लिए पैन कार्ड की ज़रूरत होती है।
- GSTIN: यह नंबर तब तक ज़रूरी नहीं है जब तक आपका इनकम का टर्नओवर सरकार के बनाए जीएसटी की सीमा को पार न करें।
- TAN: अगर आप किसी कर्मचारी या अन्य फ्रीलांसर को पेमेंट करते हैं और उस पर से टीडीएस काटना हैं, तो आपको टैन नंबर लेना जरूरी हैं।
मतलब पैन आपकी खुद की और लेन देन का पहचान नंबर है, टैन टीडीएस काटने वालों की पहचान नंबर है, और जीएसटीआईएन आपके व्यापार की पहचान नंबर है, इसीलिए इन तीनों को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है।
इस पोस्ट से जाने:- PAN Card और Income Tax का क्या संबंध है? पूरी जानकारी आपके लिए
तुलना तालिका: GSTIN vs PAN vs TAN
बिंदु | GSTIN | PAN | TAN |
पूरा नाम | Goods & Services Tax Identification Number | Permanent Account Number | Tax Deduction & Collection Account Number |
कितने अंक का | 15 अंक | 10 अंक | 10 अंक |
जारी करने वाली संस्था | जीएसटी विभाग / CBIC | आयकर विभाग (CBDT) | आयकर विभाग (CBDT) |
किसके लिए जरूरी है | GST रजिस्टर व्यापारी या कंपनी | सभी करदाता (व्यक्ति या संस्था) | जो टीडीएस या टीसीएस काटते हैं |
असली इस्तेमाल | GST Returns, ITC, Tax Invoice | ITR, Banking, GSTIN के लिए | TDS या TCS Collect और Returns के लिए |
फॉर्मेट | 07ABCDE1234F1Z5 | ABCDE1234F | MAMJ00001B |
निष्कर्ष: जीएसटीआईएन पैन और टैन का
अंत में आपको फिर से एक बार बता दूं PAN हर टैक्सपेयर के लिए पहचान नंबर है, GSTIN बिज़नेस टैक्सपेयर्स (जीएसटी वाले) लोगों के लिए जो जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं, और TAN उन संस्थाओं या कंपनियों को बनाना चाहिए जो TDS और TCS इकट्ठा करती हैं।
में उम्मीद करता हू कि GSTIN, PAN और TAN में अंतर क्या होता है? इनके सभी बातों को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
जाते जाते इस पोस्ट से जाने:- ITR क्या है? ITR फाइल कैसे करें और जानें पूरी प्रक्रिया और नियम