ऐसे सवाल कई छोटे व्यवसायी और फ्रीलांसरों को परेशान करता है, इसका सीधा जवाब है हाँ, जीएसटी रिटर्न भरने के बाद भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) देना पड़ता है।
देखिए दोनों टैक्स का उद्देश्य और नियम पूरी तरह से अलग अलग हैं, में आज आपको (GST Return और Income Tax Return में अंतर) दोनों के बीच के भ्रम को दूर करूंगा, इसीलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ें।
देखिए एक बात में आपको पहले ही बता देता हूं जीएसटी रिटर्न (GST Return) को छोटा कर GSTR कहते है, और इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) को छोटा कर ITR कहते है, दोनों में आप कंफ्यूज ना हो।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
GST रिटर्न क्यों जरूरी है?
जीएसटी रिटर्न फाइल करके आप सरकार को बताते हैं कि आपने कितनी बिक्री की, कितनी खरीद की और अपने ग्राहकों से कितना जीएसटी एकत्र किया है।
यह जीएसटी रिटर्न आपको अपनी खरीद के समय दिए गए टैक्स (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का दावा करते है और ग्राहक से जमा किया हुआ जीएसटी को जमा करते है।
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ITR क्यों जरूरी है?
आईटीआर फाइल करके आप सरकार को अपने सभी जगह से हुई कुल इनकम जैसे (व्यापार से लाभ, वेतन, किराया, ब्याज आदि) का विवरण साल में एक बार देते हैं।
आईटीआर जमा करने से पहले आप अपनी कुल कमाई पर लगने वाले टैक्स की गणना करते हैं और विभिन्न धाराओं (जैसे धारा 80C) के तहत कटौती (Deductions) का दावा भी कर सकते हैं, और नए और पुराने टैक्स व्यवस्था से किसी एक को चुनते है।
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GST रिटर्न और ITR में मुख्य अंतर क्या है?
अब में GSTR और ITR दो अलग अलग कानून को एक छोटा सा टेबल से समझता हूं:
आधार | GST रिटर्न | इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) |
उद्देश्य | वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री पर टैक्स (Indirect Tax) लगाना | व्यक्ति की कुल आय पर टैक्स (Direct Tax) लगाना |
कौन भरता है | GST रजिस्टर्ड व्यवसाय और व्यक्ति | हर वह व्यक्ति जिसकी आय बेसिक छूट सीमा से ज्यादा हो जाती है |
कब भरते हैं | मासिक या तिमाही | साल में एक बार |
कानून | GST अधिनियम (GST Act) के अनुसर | आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के अनुसार |
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एक Freelancer या Businessman के लिए दोनों क्यों जरूरी हैं?
कुछ तो आप समझ गए होंगे कि एक फ्रीलांसर या किसी व्यवसायी को दोनों इसलिए भरने पड़ते हैं क्योंकि वे दो अलग अलग कानूनी नियम और जिम्मेदारियां हैं।
- GSTR: यह आपके व्यवसाय के ऊपर होता है (आप जो भी सेल करते हैं या सेवाएँ देते हैं) और अपने ग्राहक से लिया हुआ जीएसटी सरकार को देते हैं।
- ITR: यह आपकी कुल सालाना इनकम पर लगता है, जिसमें आपके व्यवसाय का लाभ और आपके अन्य कामों से आने वाले पैसा (जैसे बचत खाते से ब्याज, सैलरी) यह सब भी शामिल होती है।
अगर आप दोनों नियम के अंदर आते है तो दोनों रिटर्न भरना जरूरी है, क्योंकि ये दो अलग अलग कानूनों का पालन करने के लिए हैं।
जीएसटी रिटर्न और जीएसटी के सभी काम सबके जीएसटीआईएन (GSTIN) नंबर से होता है, और आईटीआर के सभी हिसाब आपने पैन कार्ड से होता है।
इस अगर आप फ्रीलांसर का काम करते है तो कभी कभी आप पर टीडीएस भी लग सकता है इस पोस्ट से जाने:- TDS और GST दोनों कैसे संभालें? (फ्रीलांसर के लिए गाइड)
निष्कर्ष: GSTR और ITR के बारे में
अंत में GST और ITR दोनों अलग अलग हैं और दोनों एक दूसरे का विकल्प नहीं हैं, जीएसटी आपकी बिक्री पर लगता है, जबकि आईटीआर आपकी कमाई पर लगता है, एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में आपको दोनों कानूनी नियमों का पालन करना चाहिए।
में उम्मीद करता हू कि जीएसटीआर और आईटीआर में अंतर क्या होता है? इसके सभी बात को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
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