GST दरें कम होने से सरकार को नुकसान या जनता को फायदा? जाने सच क्या है?

जीएसटी दरें कम होने पर सरकार को क्या नुकसान होगा और आम जनता को क्या फायदे होंगे? यह अब हर एक के मन में सवाल आ रहा है, क्योंकि कुछ दिन पहले जीएसटी के 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम करने का निर्णय लिया गया। 

और साथ में यह भी सवाल उठ रहा है कि जीएसटी दर कम होने से राज्यों सरकार को कितना का नुकसान होगा या आम जनता को इसका सीधा फायदा कैसे मिलेगा, जिसमें दोनों पक्षों से तर्क हैं आईए इन बात को विस्तार से समझते हैं।

बात यह है कि सरकार ने कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी 5% और 18% में कम कर दी हैं, और कुछ कैटेगरी के लिए तो 40% जैसा उच्च जीएसटी स्लैब भी लगा दिया है।

जनता को क्या फायदा हुआ?

सच में इसमें जनता के लिए फायदा ज्यादा हुआ है जैसे रोज़ इस्तेमाल होने की वस्तुएँ जैसे टीवी, वॉशिंग मशीन, मॉनिटर, दवाइयाँ, टू-व्हीलर अब सस्ते हो जाएंगे, साथ में महंगाई में कमी आएगी और आम लोगों की खरीद करने की समता शक्ति बढ़ेगी।

सामान की कीमतों में कमी: ऐसे चीज जो ज्यादा दिन तक चलता है टीवी, ऐसी जैसे सामान और कुछ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर दरें 20% से 18% तक कम हुई हैं, इससे इन वस्तुओं की दाम में सच में कम होगी।

खरीदारी में वृद्धि और ग्राहक की मांग: दाम में कमी होने से पैसा कम लगेगी और इससे ज्यादा बिक्री की होगी, साथ में ऑटोमोबाइल कंपनियाँ और लोग इलेक्ट्रॉनिक सामान के दाम कम होने के कारण बड़े उत्साह में है।

आर्थिक सशक्तता और महंगाई में नियंत्रण: इससे महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, और दाम कम करने से माल की कीमतों में बहुत दिन तक ज्यादा नहीं होगा, ऐसे में मध्यम वर्ग और कम इनकम करने वाले वर्ग के लोगों के लिए रोज की ज़रूरतों की चीज़ें सस्ती होंगी।

सरकार को संभावित नुकसान

जीएसटी कम करने पर सरकार के लिए कुछ तो रेवेन्यू पर इंपेक्ट होगा क्योंकि सरकार को कुल कर संग्रह कम होगी, शुरुआती अनुमान के अनुसार सालाना ₹45,000 से 85,000 करोड़ तक का घाटा हो सकता है, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि सामान की मांग बढ़ने से बिक्री बढ़ेगी, जिससे यह घाटा आगे पूरा हो सकता है।

राजस्व में कमी (Revenue Loss): सरकार का कुछ राजस्व नुकसान कुछ विशेष क्षेत्रों में जहां टैक्स दर पहले ही बहुत ज्यादा थी, और वह सामान ज्यादा बिक रहा था वहाँ कर टैक्स का लॉस ज्यादा हो सकता है।

लेकिन एक बात पुराना कहाबत है कि प्रॉफिट कम कमाओ लेकिन ज्यादा बेचों अब यह बात भी सच होगा अगर ज्यादा सेल होगा तो उस लॉस का मैनेज हो जाएगा।

क्या सरकार को नुकसान होगा?

शॉर्ट टर्म में कहे तो हाँ टैक्स कलेक्शन अब कम होगा, लेकिन लॉन्ग टर्म में नहीं, क्योंकि सस्ते दामों से मांग बढ़ेगी और टैक्स बेस बड़ा होगा क्योंकि ज्यादा लोग टैक्स देंगे।

साथ ही लक्ज़री और सिन गुड्स जैसे (सिगरेट, पान मसाला, लक्ज़री SUVs) पर 40% जीएसटी जो लगाया है सरकार ने इससे घाटा कवर हो जाएगी।

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जनता को फायदा या नुकसान?

कुछ फायदा जैसे रोज़मर्रा की चीजें सस्ती होगी और महंगाई में राहत राहत मिलेगी, लेकिन अगर सरकार इस लॉस को पूरा करने के लिए इनडायरेक्ट टैक्स या सेस और कहीं बढ़ाती है तो इससे असर पड़ सकता है।

अभी के लिए तो फायदा है लेकिन जो 40% का लक्ज़री स्लैब बनाया है सरकार ने आगे जाकर इसपर और सामान एड हो सकता है, यह भी एक खतरा के बात है मतलब आगे ऐसा हुआ तो किसी सामान पर 18% से डायरेक्ट 40% जीएसटी के अंदर आएगा।

राज्यों सरकार का नुक्सान

अब तक जो हमने बात की है वह केंद्र सरकार की बात की है लेकिन राज्य सरकार को भी इसका नुकसान ज्यादा होंगे, क्योंकि जीएसटी का आधा पैसा केन्द्र रखता है और आधा राज्य के पास आता है।

ऐसे तो केंद्र सरकार तो फिर भी सभी राज्य से आधा जीएसटी और बाकी जगह से डायरेक्ट टैक्स लेगी, लेकिन राज्य के पास उतना जगह नहीं है टैक्स लेने का शराब के अलावा, लेकिन केंद सरकार इस राज्य के लॉस का कुछ तो भरपाई करेगा।

हमने एक पोस्ट लिखा है जीएसटी के बारे में और टैक्स कैसे आधा आधा में भाग होता है जानने के लिए पढ़े:- GST क्या है? जानें वस्तु एवं सेवा कर के 4 प्रकार (CGST, SGST, IGST, UTGST) और उनका मतलब

इसका संतुलन कैसे बनाए रखा जा सकता है?

सरकार को यह देखना चाहिए जीएसटी दर में कमी का सारा फायदा आम जनता तक पहुंचा की नहीं, साथ में केंद्रीय एजेंसी जैसे निगरानी संस्था के ऐसा नियम से प्राइस टैग और MRP में बदलाव स्पष्ट से दिखे, ताकि सभी लोगों को पता चले।

व्यापारियों पर क्या असर होगा

जो व्यापारि के पास पहले से स्टॉक है वह तो पुरानी दरों पर खरीदा है, इसलिए उन्हें नई दर लागू होने पर कीमत में कम करनी पड़ेगी, लेकिन स्टॉक के दाम, गाड़ी से लाने का खर्चा आदि तो नहीं बदलती।

लेकिन हर व्यापारी आईटीसी का दावा (Input Tax Credit) करके इस अंतर को मैनेज कर सकते हैं, और उनका लॉस नहीं होगा।

नया जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारी क्या करे और क्या करने से लॉस नहीं होगा जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें:- GST दरें कम होने पर क्या करें? जानें पुराने स्टॉक, पेमेंट क्या होगा असर और ITC का पूरा नियम

नया जीएसटी दर से कंपनियों का फायदा हुआ या नुकसान हुआ है?

किन कंपनी का फायदा: देखिए जिस सामान पर जीएसटी कम हुआ है वह लोग ज्यादा खरीदेंगे, और उनकी कंपनी ज्यादा सामान बनाएंगे यह उन कंपनियों के लिए फायदा हैं जिनका आइटम पर जीएसटी कम हुआ है।

किन कंपनी का लॉस: लेकिन जिन सामान पर जीएसटी बढ़ा है उन कंपनी के लिए लॉस होगा क्योंकि लोग अब उन सामान को कम खरीदेंगे क्योंकि दाम जो बढ़ जाएगा, असल में यह जीएसटी का पूरा पैसा सरकार के पास जाता है।

अब देखिए न जो चीज 28% जीएसटी में ₹100 में मिलता था अब वह ही 40% जीएसटी में ₹112 का हो जाएगा, यह पहले ग्राहक का ₹100 में से ₹28 टका सरकार के पास जाता था अब ₹40 जाएगा।

एक छोटा सा टेबल

पक्षलाभ (Benefits)नुकसान (Challenges)
जनताकीमत कम हुआ हैखर्च ज्यादा करेंगे
सरकार लोगों का बिस्वास जितनाटैक्स की कमी

इनका फायदा कैसे होगा

पहले तो देखिए आम जनता को ज्यादा फायदा नहीं हुआ जब आप 40 का मिल्क खरीद रहे है अब जब आपको 38 में मिलेगा तो ज्यादा फर्क नजर नहीं आएंगे।

लेकिन जब अब ₹1,000 से ₹2,000 का सामान खरीदेंगे और उनपर अगर पूरा जीएसटी जीरो है तब आपको 100 से 200 का बचत दिखेगा।

यह भी तब होगा जब मैन्युफैक्चर कंपनी जो जीएसटी कम हुआ है वह भी अपने कीमत से कम करें, अगर वह कम नहीं करेंगे तो फायदा उनको होगा क्योंकि टैक्स कम हुआ तो प्रॉफिट उनका ज्यादा होगा।

ऐसा न हो इसीलिए सरकार ने बोल भी दिया है कंपनी को अब प्राइस में दिखना होगा कि पहले कितना दाम था और अब कितना है, ऐसा कर सरकार ने इस दिवाली से पहले ही लोगों को बोनस दे दिया है, अब लाइफ इंसोरेंस पर जीएसटी नहीं लगेगा मेडिसिन पर भी राहत मिलेगी।

अब देखिए एक ₹10 का सामान को ₹.5 जीएसटी कम करके इसको ₹9.5 में नहीं बेच सकता, लेकिन उनके पास यह ऑप्शन है कि वह इसी ₹10 से अंदर सामान का परिमाण बढा दे, जैसे जीएसटी कम होने पहले 30 ग्राम दे रहा था अब 40 ग्राम दे और दाम सामान ही रखे।

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निष्कर्ष: जीएसटी कम होने से नुकसान के बारे में

जीएसटी दरों में कम करना सरकार का एक अच्छा कदम है देश के जनता और अर्थव्यवस्था के लिए, लेकिन यह ध्यान देना ज़रूरी है कि सरकार को टैक्स बेस का संतुलन बनाए रखना चाहिए, और व्यापारियों को निर्देश देना चाहिए कि कीमतों में कमी का असली फायदा लोगों को मिले।

जीएसटी कम करने से सरकार को नुकसान होगा क्या? सरकार का लॉन्ग में प्लान तो कुछ होगा जिससे ऐसा नियम बनाया है, लेकिन 40% जीएसटी और ज्यादा सेल के वजह से यह रिकवर हो जाएगा।

जीएसटी दरें घटाना हमारे जनता के लिए सीधा फायदा का बात है, लेकिन सरकार को थोड़े समय के लिए घाटा ज़रूर होगा, लेकिन लंबे समय में बढ़ी हुई मांग से देश के अर्थव्यवस्था और टैक्स कलेक्शन दोनों को फायदा होगा।

में उम्मीद करता हू कि जीएसटी दरें कम होने पर सरकार को क्या नुकसान होगा और जनता को क्या लाभ हुआ? इसके अंदर के सभी बातों को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।

इस पोस्ट से जाने:- 56वीं GST बैठक के बाद 40% किन वस्तुओं और सेवाओं पर लग रहा है? पूरी जानकारी

Same FAQs (ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. GST दरें घटने से सरकार को कितना नुकसान होगा?

लगभग ₹45,000 से 85,000 करोड़ तक सालाना।

Q2. सरकार घाटे की भरपाई कैसे करेगी?

लक्ज़री और सिन गुड्स से टैक्स बढ़ाकर, और ज्यादा सामान के मांग और 40% न्यू स्लैब से कुछ समय में लॉस बराबर हो जाएगा।

Q3. क्या पुराने स्टॉक पर भी नई दरें लागू होंगी?

जो सामान दुकान तक आ गया है वह तो नहीं, लेकिन स्टॉक माल का व्यापारी आम जनता को लाभ दे कर आईटीसी से मैनेज कर सकते हैं।

Q4. क्या महंगाई पर असर पड़ेगा?

जी हाँ दर के कमी से महंगाई में कमी आएगी और ग्राहकों की खरीद बढ़ेगी।

Q5. क्या जीएसटी दरें कम होने से रोज़मर्रा की वस्तुएँ सस्ती होंगी?

जी हाँ जिन वस्तुओं पर दरें कम की गई हैं (जैसे टीवी, वॉशिंग मशीन, दवाइयाँ, टू-व्हीलर), और कुछ सामान पर जीरो जीएसटी लगाया है उनकी कीमत घटेगी।

नए जीएसटी दर कब से लागू होगी?

नए जीएसटी दर अब के नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से लागू होगा।

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