GST की QRMP Scheme क्या है? किसके लिए है पूरी जानकारी

जीएसटी कानून के अंदर छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए QRMP Scheme (Quarterly Return, Monthly Payment) लाया गया था, इसका मकसद था कि टैक्स फाइलिंग के बोझ को कम करना और नियम को आसान बनाना।

हुआ क्या था जीएसटी सिस्टम में हर महीने रिटर्न फाइल करना कई छोटे व्यापारियों के लिए एक परेशानी बन गया था, इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने क्यूआरएमपी स्कीम शुरू की है, धीरे धीरे यह स्कीम छोटे टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है।

आइए जानते है जीएसटी की QRMP Scheme क्या है? छोटे बिज़नेस के लिए क्या फायदे हैं? इसके लिए कौन योग्य है और यह कैसे काम करती है, मैं हर एक पॉइंट इस पोस्ट में विस्तार से बताया हूं इसलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।

QRMP Scheme क्या है?

क्यूआरएमपी स्कीम का पूरा नाम है (क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट), मतलब तिमाही रिटर्न और मासिक पेमेंट, इस क्यूआरएमपी स्कीम का असली उद्देश्य छोटे व्यवसायों के रिटर्न फाइल करने का बोझ कम करना।

इस स्कीम को लेने के बाद आपको हर महीने की बजाय हर तीन महीने में सिर्फ़ एक बार ही रिटर्न फाइल करना होता है, मतलब रिटर्न फाइलिंग का समय मिलता है और टैक्स का पैसा समय पर सरकार को देना है।

QRMP Scheme में कौन कौन Register कर सकता है?

इस स्कीम का फायदा हर वो टैक्सपेयर उठा सकता है, जिसकी पिछले वित्तीय वर्ष में अपना वार्षिक टर्नओवर ₹5 करोड़ तक था, अगर आप भी इस सीमा के अन्दर आते हैं, तो आप आसानी से इस स्कीम को चुन सकते हैं।

क्यूआरएमपी स्कीम के लिए कौन योग्य है? कोई भी रेगुलर जीएसटी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर और कंपोजिशन स्कीम वाले इस स्कीम के लिए योग्य नहीं है, जो GSTR-1 और GSTR-3B कानूनी रूप से जमा कर रहे है और आईटीसी का फायदा ले रहा है।

QRMP Scheme में अप्लाई कैसे करें?

कोई भी टैक्सपेयर जिनका सालाना टर्नओवर अपना पैन कार्ड के अंदर 5 करोड़ से कम है वह GST Portal पर जाकर QRMP Scheme opt कर सकता है:

  • GST Portal पर जाना है, लॉगिन करना है, और Services में जाकर Returns में जाना है अब Opt-in for Quarterly Return ऑप्शन चूस करना है।

कोई भी इस क्यूआरएमपी स्कीम को चुनने के लिए हर फाइनेंसियल ईयर के शुरुआत में या क्वार्टर (Quarter) की शुरुआत में opt-in करना होता है।

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QRMP Scheme के विशेषताएँ

इस क्यूआरएमपी स्कीम के कुछ बातें में आपको बताता हूं जिससे यह स्कीम आपको अच्छा लगेगा।

1. GSTR-1 (Sales Return): यह हर तीन मंथ में एकबार में फाइल करना होता है, इसमें आपको Invoice Furnishing Facility (IFF) मिलती है:

आप चाहे तो हर महीने B2B (Business to Business) इनवॉइस अपलोड कर सकते हैं, IFF की लिमिट ₹50 लाख प्रति माह रखा गया है, इससे आपके बॉयर को आईटीसी (Input Tax Credit) का फायदा समय पर मिल जाता है।

2. GSTR-3B (Summary Return): GSTR-3B भी क्वार्टरली फाइल करना होता है, मतलब साल में 12 बार की जगह सिर्फ 4 बार।

3. Monthly Tax Payment: टैक्स के पेमेंट हर महीने जमा करना पड़ता है इसके 2 तरीके हैं:

  • Fixed Sum Method (FSM): पिछले रिटर्न के आधार पर चालान ऑटो जनरेटेड होता है।
  • Self Assessment Method (SAM): आप अपने असली सेल्स और आईटीसी के हिसाब से टैक्स कैलकुलेट करके चालान भर सकते है।

QRMP Scheme की लास्ट डेट

हर स्कीम की कुछ डेट होता है जिससे पहले आपको जमा करना होता है यह जान लीजिए:

  1. IFF Upload (optional): अगले महीने की 13 तारीख तक।
  2. Monthly Tax Payment (Challan PMT-06): अगले महीने की 25 तारीख तक।
  3. Quarterly GSTR-1 Filing: अगले क्वार्टर के बाद की 13 तारीख तक।
  4. Quarterly GSTR-3B Filing: अगले क्वार्टर के बाद की 22 या 24 तारीख (यह अपने अपने स्टेट पर डिपेंड करता है)।

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QRMP Scheme के मुख्य फायदे

इस स्कीम से टैक्स नियम का बोझ कम होता है साल के मासिक फाइलिंग में 24 रिटर्न के बजाए GSTR-1 और GSTR-3B के सिर्फ 8 रिटर्न सालाना जमा करने होते है, इससे छोटे व्यवसायों को राहत मिलती है।

बॉयर को आईटीसी समय पर मिलता है IFF से, इससे पैसा स्टॉक नहीं होता है, और जीएसटी नियम के काम आसान बन जाता है।

इससे समय और खर्च दोनों की बचत होती है जैसे कम रिटर्न फाइल करने से आपका समय और एकाउंटेंट दोनों का खर्चा बच जाता है।

QRMP Scheme की लिमिटेशन

क्यूआरएमपी स्कीम के कुछ लिमिट भी है जो हर एक को जानना जरूरी है जैसे:

  1. टैक्स का पैसा हर महीने जमा करना ही होगा।
  2. अगर समय पर IFF अपलोड नहीं किया तो बॉयर का आईटीसी में लेट हो जाएगा।
  3. आपका ₹5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर होने पर यह का ऑप्शन खत्म हो जाएगा।

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Real Example (कैसे काम करता है क्यूआरएमपी स्कीम?)

मान लीजिए आपकी कंपनी का सालाना टर्नओवर ₹3 करोड़ है और आपने QRMP opt किया है, क्यूआरएमपी स्कीम में रिटर्न फाइलिंग और टैक्स जमा करना अलग तरीका से होता है:

January-March Quarter: तो हर महीने टैक्स जमा करना है (Jan, Feb, Mar), Jan और Feb में आप चाहें तो IFF में इनवॉइस डाल दें (इसका लिमिट ₹50 लाख) है।

तिमाही रिटर्न फाइलिंग: पूरा GSTR-1 और GSTR-3B अप्रैल में फाइल करेंगे, इसका मतलब टैक्स समय पर जमा करना है, लेकिन रिटर्न 3 मंथ के अंत में।

मासिक टैक्स भुगतान: भले ही आप हर तिमाही पर जीएसटी रिटर्न फाइल करेंगे, लेकिन आपको हर महीने का टैक्स अगले महीने की 25 तारीख तक जमा करना होता है, इसके लिए आप PMT-06 चालान का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इनवॉइस फर्निशिंग फैसिलिटी (IFF): यह IFF इस स्कीम का सबसे खास हिस्सा है, आप हर महीने अपने ग्राहकों को जारी किए गए B2B इनवॉइस को अपलोड करने के लिए (Invoice Furnishing Facility-IFF) का इस्तेमाल कर सकते हैं, ऐसा करने से आपके ग्राहक समय पर अपना आईटीसी क्लेम कर पाएंगे, जबकि आपको तिमाही में ही रिटर्न फाइल करना होता है।

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निष्कर्ष: क्यूआरएमपी स्कीम के बारे में

अंत में QRMP Scheme उन छोटे व्यापारियों के लिए एक बहुत अच्छा ऑप्शन है जो मासिक रिटर्न फाइलिंग करने में परेशान होते हैं, इस स्कीम के नियम से काम आसान बन जाती है और आपके ग्राहकों को समय पर आईटीसी का दावा करने की भी सुविधा देती है, जिससे आपका पूरा व्यापार सुरक्षित रहता है।

इसलिए अगर आपका सालाना टर्नओवर ₹5 करोड़ से कम है, तो जरूर क्यूआरएमपी स्कीम लीजिए यह आपके लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि टैक्स हर महीने जमा करना है और रिटर्न 3 मंथ में एक बार।

में उम्मीद करता हूं की QRMP स्कीम क्या होता है कौन इस स्कीम को अप्लाई कर सकता है? ऐसे और भी कही सारी सवाल का जवाब मिला है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दें।

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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. क्या QRMP में Composition Dealer शामिल हो सकते हैं?

जी नहीं सिर्फ केवल रेगुलर जीएसटी नियम को पालन करने वाले इस स्कीम को ले सकते हैं, सिर्फ उनका टर्नओवर 5 करोड़ से कम होना चाहिए।

Q2. क्या मैं बीच साल में QRMP से बाहर निकल सकता हूँ?

जी हाँ, अगले क्वार्टर की शुरु में opt-out कर सकते हैं।

Q3. क्यूआरएमपी स्कीम में IFF जरूरी है क्या?

जी नहीं इतना जरूरी नहीं है, लेकिन आपके बायर्स को समय पर आईटीसी दिलाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

Q4. पेनल्टी क्या है अगर QRMP में देरी हो जाए?

नॉर्मल लेट फीस और इंट्रेस्ट लागू होते है (₹50 हर दिन)।

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