GST Notice और UPI Payment बंद करने की खबर: जानिए क्या है सच और कैसे बचें परेशानियों से

हाल ही में बेंगलुरु और अन्य कुछ शहरों से ऐसी खबरें सामने आई हैं कि दुकानदार UPI पेमेंट स्वीकार नहीं कर रहे, और कई व्यापारियों को GST विभाग के तरफ से नोटिस मिलने के बाद यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है।

इस पोस्ट में हम समझेंगे कि ये नोटिस लोगों को क्यों मिल रहे हैं, साथ में लोग क्यों ऑनलाइन पेमेंट लेंना बंद कर रहे है, और आम लोगों और व्यापारियों पर इसका क्या असर हो रहा है।

GST Notice क्यों मिल रहे हैं?

भारत सरकार ने 2017 में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) डिजिटल पेमेंट लाया था और उसके बाद से धीरे धीरे ऑनलाइन पेमेंट की मांग बढ़ गई और आज इसका आदत सबको लग गया है, आज लोग कैश नहीं रखते और इसे पसंद भी नहीं करते।

उन्हीं डिजिटल लेन देन पर सरकार निगरानी रख रही है, खास कर यूपीआई बिजनेस अकाउंट वाले पर, यह ज्यादा तर छोटे और बड़े सभी दुकानदार इस्तेमाल करते है।

यूपीआई और अन्य सभी तरह डिजिटल पेमेंट का रिकॉर्ड सीधे सबके बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है इसीलिए बैंक और अन्य माध्यम से सरकार को इस लेन देन का रिपोर्ट मिलता है।

अगर कोई व्यापारी जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता, लेकिन लाखों का यूपीआई लेन देन करता है, तो शक के आधार पर उन लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है।

एक उदाहरण से समझे: एक छोटे चाय के दुनकदार ने सालभर में ₹40 लाख से ज्यादा का यूपीआई पेमेंट लिया, लेकिन उसका जीएसटी में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था, ऐसे मामलों में उनको नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।

इस पोस्ट को पढ़ें:- 2025 में GST 12% स्लैब खत्म हुआ तो किन वस्तुओं का दाम घटेगा या बढ़ेगा? पूरा Impact जानें

दुकानदार यूपीआई पेमेंट लेना क्यों बंद कर रहे हैं?

छोटे छोटे दुकानदारो को डर है कि उनके लेन देन पर दूसरे की तरह सरकार की नज़र पड़ जाएगी, उन्हें लगता है कि यूपीआई पेमेंट ज्यादा दिखने से जीएसटी का बोझ बढ़ जाएगा।

ज्यादा व्यापारियों को जीएसटी का नियम जटिल लगता है, और इसलिए वह नकद लेन देन को पहले के जैसा महत्व देने लगे हैं।

इसका असली कारण यही है कि छोटे सब्जी बेचने वाले, किराना स्टोर वाले, चाय दुकानदार और बाकी सभी लोग जीएसटी और टैक्स लगने के डर से यूपीआई को अब छोड़ रहे है।

छोटे छोटे दुकानदार जिनको यह नोटिस मिला है वह भी शोक में है कि उनको यह नोटिस क्यों मिले है और अब वह इसका कैसे भरपाई करें, क्योंकि उनको जीएसटी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

सबसे ज्यादा भारत के बेंगलुरु में यह जीएसटी नोटिस मिला है छोटे छोटे दुकानदारो को, क्योंकि बेंगलुरु ही एक ऐसा शहर है जहां पर सबसे ज्यादा लोग रहते है और लेन देन होता है।

बाकी दुकानदार ने भी इसके लिए अब यूपीआई से पेमेंट लेना बंद कर रहे है ताकि उनको यह नोटिस न मिले, जिनको थोड़ा बहुत पता है वह यही डर से आज नहीं तो कल यह नोटिस आएगा इसके लिए वह पहले से ही कैश पैसा ले रहे है।

इस नोटिस का आम लोगों पर क्या असर पड़ता है?

अब दुकानदारों ने जब “No UPI Only Cash” अपने दुकान के सामने लगाना शुरू कर दिए तो कैश लेन देन अब फिर से बढ़ रहा है।

Dukandar UPI Payment Lena Kyon Band Kar Rahe Hain

हम और आप जैसे सभी ग्राहकों को यह परेशानी हो रहा है कि अब हम सबको हर बार नकद पैसा लेकर चलना पड़ रहा है।

साथ ही में सरकार का डिजिटल इंडिया का सपना भी इससे कमजोर होता जा रहा है, क्योंकि सबको यूपीआई पेमेंट का आदत लग चुका है अब सबको कैश लेकर चलना पड़ रहा है।

अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि सबको जीएसटी के तरफ से नोटिस मिल रहा है? नहीं सबको जीएसटी से नोटिस नहीं मिल रहा है जिनकी कारोबार ₹40 लाख से ऊपर है एक साल में और वह लोग अगर जीएसटी में रजिस्टर नहीं है सिर्फ उनको मिल रहे है।

अब व्यापारियों को क्या करना चाहिए?

अब व्यापारियों को डरने के बजाय सही जानकारी लेना चाहिए और इसका समाधान पर ध्यान रखना चाहिए, और किसी सही जानकार इंसान से मदद लेना चाहिए।

में आपको थोड़ा सा समझा रहा हु अगर आपका सालाना कारोबार ₹20 लाख से ज़्यादा है (सेवा में) या ₹40 लाख से ज़्यादा है (वस्तु में), तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है, सरकार के नियम के अनुसार।

अगर आपका भी इनकम साल में ₹40 लाख से ऊपर है दुकान में तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना चाहिए और, अपने सभी यूपीआई पेमेंट का सही हिसाब रखें और समय पर अपना रिटर्न जमा करें।

इस पोस्ट को पढ़ें:- PAN और Aadhaar Link न करने पर जुर्माना कितना है?

इससे सरकार की मंशा क्या है?

सरकार टैक्स चोरी रोकना चाहती है, अब जब सब कुछ ऑनलाइन चल रहा तो उसी डेटा एनालिटिक्स और यूपीआई लेन देन की निगरानी के ज़रिये टैक्स बेस को बढ़ाया जा रहा है।

इससे ईमानदार व्यापारियों को डरने की को ज़रूरत नहीं है, जो पहले से जीएसटी में रजिस्टर है और अपना जीएसटी समय पर जमा कर रहे है।

निष्कर्ष: GST Notice के बारे मैं

यूपीआई पेमेंट और जीएसटी नोटिस के डर से व्यापार बंद करना या डिजिटल लेन देन को रोकना सही समाधान नहीं है, सही जानकारी, समय पर रजिस्ट्रेशन और रिटर्न से आप इन परेशानी से बच सकते हैं।

सबके लिए कुछ सुझाव:

  1. व्यापारियों के लिए जागरूकता कैंप चलाना चाहिए।
  2. आपको जीएसटी के बारे में पूरा समझना चाहिए।
  3. आपको एक पर्सनल CA या टैक्स कंसल्टेंट से सलाह लेना चाहिए।
  4. सरकार को भी सरल भाषा में जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए।

क्या आपको भी GST Notice मिला है या UPI से जुड़ी कोई समस्या है? हमें कमेंट करें और हमारे ब्लॉग में बने रहे और ऐसे सभी अपडेट पाते रहें।

हमेशा याद रखें कि टैक्स नियम पर हर साल कुछ ना कुछ बदलाव होते रहते हैं, इसीलिए हमेशा नवीनतम नियम की ओर ध्यान रखें, और आपको अगर टैक्स के विषय पर कोई भी परेशानी हो तो हमेशा एक अच्छे टैक्स सलाहकार (CA) से संपर्क करें, वह आपको सही सलाह देंगे।

में उम्मीद करता हू कि जीएसटी से नोटिस क्यों आ रहा है और इससे कैसे बचे? इसके सभी कारण और इससे बचने के सभी तरीका को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।

इस पोस्ट को पढ़े:- GST क्या है? जानें वस्तु एवं सेवा कर के 4 प्रकार (CGST, SGST, IGST, UTGST) और उनका मतलब

Leave a Comment