बहुत से टैक्सपेयर को अचानक जीएसटी विभाग (GST Department) से नोटिस मिल जाता है, यह नोटिस कई कारणों से आ सकता है जैसे रिटर्न में गलती की है, आईटीसी का मिसमैच किया हो, टैक्स भुगतान में देरी या प्रोफाइल वेरिफिकेशन नहीं हो रहा है ऐसे में आपको घबराने की बजाय क्या करना चाहिए वह समझना ज़रूरी है।
ज़्यादातर व्यापारियों के लिए जीएसटी विभाग से नोटिस आना एक डर का कारण लग सकता है, पहली बार में बहुत टेंशन लग सकता है, लेकिन सच यह है कि यह जीएसटी प्रक्रिया का एक सामान्य काम है, ऐसा होता रहता है।
अगर आपको भी कोई नोटिस मिला है तो घबराने की ज़रूरत नहीं है, इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि जीएसटी नोटिस आने पर क्या करना चाहिए, ताकि आपको घबराहट होने के बजाय सरलता से इसका सामना कर सकें।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
GST Notice क्या है?
जीएसटी नोटिस एक आधिकारिक बात चित है, जो जीएसटी अधिकारी से टैक्सपेयर को भेजा जाता है, इसमें किसी भी प्रकार की गलती, मिसमैच या संदेह को लेकर जानकारी मांगी जाती है।
कुछ दिन पहले तो बंगलौर में कुछ दुकानदारों को जीएसटी नोटिस आया है और लोग UPI पेमेंट लेना बंद कर दिए है, क्योंकि दुकान जहां पर लेन देन होता है वह गुड्स के अंदर आता है, और गुड्स जीएसटी के अंदर है।
Common GST Notices:
में कुछ जीएसटी नोटिस का नाम नीचे दे रहा हूं जो ज्यादा तर गलती लोगों से होता है:
- GSTR-1 और GSTR-3B मिसमैच
- ITC Claim ज्यादा कर लेना
- GST Return न भरना
- Nil Return न भरना
- Tax Payment में देरी करना
- Business verification
GST विभाग के 3 मुख्य नोटिस नाम के साथ
अब में आपको कुछ और नोटिस के आइडिया दे रहा हूं कि किस तरह के जीएसटी नोटिस नाम के साथ आ सकते हैं? ASMT-10, SCN और DRC-01 जो आगे शायद आपका काम में आ सकता है।
ASMT-10 (Scrutiny of Returns): यह एक सामान्य नोटिस है जो आपके रिटर्न में पाई गई छोटी मोटी गलतियाँ या मिसमैच के लिए भेजा है, इससे आपसे स्पष्टीकरण मांगते है और यह नोटिस ज्यादा टेंशन वाला नहीं है।
SCN (Show Cause Notice): यह एक बड़ी चिंता वाला नोटिस है जो आपको यह कारण बताने के लिए आता है, जब जीएसटी विभाग को लगता है कि आपने कोई बड़ी गलती या उल्लंघन किया है, तब विभाग आपसे पूछता है कि (हम आपके खिलाफ कानूनी या जुर्माने की कार्रवाई क्यों न करें?)।
इसका जवाब समय सीमा के अन्दर पूरे डॉक्यूमेंट और ठोस तर्कों के साथ इसका जवाब देना जरूरी है।
DRC-01 (Demand for Tax): यह एक चिंता वाला नोटिस है जो आपके बचा हुआ टैक्स देने की आदेश करता है, यह सबसे गंभीर नोटिस होता है, यह नोटिस आने का मतलब है कि अब विभाग सीधे आपसे बचा हुआ टैक्स जमा करने के लिए कह रहा है।
GST Notice आने पर सबसे पहले क्या करें?
जीएसटी नोटिस मिलने पर सबसे पहले पैनिक न हों, सबसे ज़रूरी कदम है शांत रहे और नोटिस को ध्यान से पढ़ें, नोटिस में सेक्शन और कारण क्या लिखा है, और समझें कि वह किस बारे में है।
बाद में टाइम देखें हर एक नोटिस का रिप्लाई करने का अलग समय सीमा होता है, कम से कम 15 से 30 दिन आप देखे कि आपके पास कितना समय है।
साथ में ऑनलाइन चेक करें नोटिस हमेशा जीएसटी पोर्टल (www.gst.gov.in) पर लॉगिन करने के बाद दिखाई देगा।
अक्सर नोटिस छोटी छोटी गलतियों के लिए होते हैं जिन्हें आसानी से ठीक किया जा सकता है, नोटिस में स्पष्ट रूप से ऐसे कारण लिखा होता है जैसे:
- आपके GSTR-1 और GSTR-3B डेटा में मिसमैच।
- आपके GSTR-2A/2B में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का मिसमैच।
- टैक्स या रिटर्न फाइलिंग में देरी।
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नोटिस का रिप्ले कैसे करें?
अब आप सोच रहे होंगे कि चलो पता चल गया गलती क्या क्या हो सकती है जीएसटी से नोटिस आने का, अब जानने का समय है कि नोटिस का जवाब कैसे दे, आईए अब इसके बारे में बात करते है।
नोटिस के जवाब देने का 3 स्टेप्स
जीएसटी नोटिस का जवाब देने की तरीका आप नीचे दिए गए इन तीन आसान स्टेप्स में समझ सकते हैं:
स्टेप 1: कारण जानें और दस्तावेज़ इकट्ठा करें: एकबार नोटिस का कारण जानने के बाद उससे जुड़े सभी डॉक्यूमेंट इकट्ठा करना शुरू करें, अगर नोटिस इनवॉइस मिसमैच के बारे में है, तो उसके संबंधित सेल्स इनवॉइस, परचेज़ इनवॉइस, GSTR-1, GSTR-3B और GSTR-2A/2B का डेटा निकाल कर रखें।
स्टेप 2: ऑनलाइन जवाब दाखिल करें: जीएसटी नोटिस का जवाब ऑनलाइन जमा किया जाता है, इसके लिए आपको जीएसटी पोर्टल में लॉग इन करना होगा।
- GST Portal पर Login करें
- Services टैब पर जाएँ।
- User Services पर क्लिक करें।
- View Additional Notices या Orders चुनें।
- Notice download करें और मांगी गई details देखें
यहाँ आपको सभी नोटिस और ऑर्डर दिख जाएँगे, आपको आपका नोटिस का चूस करके उसका जवाब जमा करना होगा।
स्टेप 3: दस्तावेज़ अटैच करें और सबमिट करें: आप जवाब जमा करते समय, आपको अपने सभी सबूत (दस्तावेज़) ऑनलाइन ही अटैच करने होंगे, आपको यह साबित करेगा होगा कि आपका जवाब सही है, सभी दस्तावेज़ अटैच करने के बाद, जवाब को डिजिटल सिग्नेचर (DSC) या आधार OTP के ज़रिए सबमिट कर दीजिए।
तो यहां आपका काम खत्म हो गया आप इस चीज का बस ध्यान रखे कि आपका सभी डॉक्यूमेंट सही जो जो वह मांग रहे है, ऐसा करने से आपका टेंशन खत्म हो जाएगा।
इस पोस्ट से जाने:- GST रिटर्न के बाद भी इनकम टैक्स रिटर्न ITR क्यों फाइल करना पड़ता है? जानें जीएसटीआर और आईटीआर के मुख्य अंतर
अगर गलती हुई है तो क्या करें?
अगर गलती हुई तो क्या करें में ऊपर में भी आपको बताया कुछ और पॉइंट है इनको भी में क्लियर कर देता हूं:
- रिटर्न का Rectification करें (अगर बचा हो तो)
- ज्यादा आईटीसी लिया है तो उसे Reverse करें और इंटरेस्ट के साथ जमा करें
- अगर टैक्स पेंडिंग है तो तुरंत जमा करें
- अगर नोटिस गलती से आया है तो प्रोपर डॉक्यूमेंट के साथ फाइल करें
इस पोस्ट से जाने:- GST में ITC Reversal और Rectification क्या है? इसे कब और कैसे करें?
जीएसटी में पेनल्टी और इंटरेस्ट का खतरा
पेनल्टी और इंटरेस्ट का छोटा करके आपको समझा रहा हूं, में नीचे पोस्ट का लिंक दे दूंगा आप इससे पूरा हिसाब जान सकते है:
- गलत ITC Claim: ₹10,000 या उससे जितना ज्यादा होगा उतना जुर्माना
- Fake Invoice Case: 100% टैक्स + पेनल्टी
- Return delay: लेट फीस + इंटरेस्ट और (18% हर साल इंटरेस्ट)
मैने यहां पर सिर्फ ऊपरा ऊपरी बताया है लेकिन ध्यान रखे कि जुर्माने की राशि हमेशा गलती की कारण और इरादे पर निर्भर करती है, इस पोस्ट से जाने:- अगर जीएसटी रिटर्न देरी से फाइल करें तो इंटरेस्ट और लेट फीस कैसे कैलकुलेट होता है?
एक रियल लाइफ उदाहरण (Case Study)
एक बिजनेस ने GSTR-3B में ₹3,00,000 का आईटीसी क्लेम कर लिया, लेकिन GSTR-2B में सिर्फ ₹2,00,000 दिखाई दे रहा था, तो जीएसटी विभाग ने ₹1,00,000 के मिसमैच के कारण पर नोटिस भेजा।
Solution: इसका सॉल्यूशन टैक्सपेयर ने ₹1,00,000 का आईटीसी रिवर्स किया और इंटरेस्ट जमा करके पेनल्टी से बच गया।
कैसे बचें जीएसटी नोटिस से?
आगे से या कभी भी आपके पास जीएसटी नोटिस न आए इसके लिए हमेशा समय पर रिटर्न फाइल करें।
हमेशा GSTR-2B और अपने रिकॉर्ड्स को मैच करें, सभी सही है क्या।
आगे से फेक इनवॉइस से बचें, इनवॉइस मिलने से पहले इसको जांच करें, और प्रोपर अकाउंटेंट या जीएसटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।
इस पोस्ट से जाने:- GST में गलत इनवॉइस को कैसे कैंसिल करें या सुधारें? स्टेप बाय स्टेप गाइड
टैक्स एक्सपर्ट की सलाह कब लें?
अगर नोटिस बहुत ज्यादा टेंशन वाला है (जैसे SCN या बड़ी राशि से जुड़ा है), तो किसी जीएसटी एक्सपर्ट, जैसे टैक्स कंसलटेंट या चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) से सलाह लेना सबसे अच्छा ऑप्शन रहेगा।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. जीएसटी नोटिस आने पर क्या इग्नोर कर सकते हैं?
जी नहीं एकबार इग्नोर करने पर डिपार्टमेंट आप पर भारी पेनल्टी लगा सकता है।
Q2. नोटिस का रिप्लाई न देने पर क्या होगा?
टैक्स का Assessment Officer आपके खिलाफ ex-parte order पास कर सकता है।
Q3. क्या जीएसटी नोटिस का रिप्लाई ऑफलाइन हो सकता है?
जी नहीं जीएसटी नोटिस का रिप्लाई सिर्फ जीएसटी पोर्टल से ऑनलाइन करना होता है।
इस पोस्ट से जाने:- जीएसटी में IRP (Invoice Registration Portal) क्या है? जानें ई-इनवॉइसिंग में इसका क्या रोल है?
निष्कर्ष: जीएसटी नोटिस के बारे में
जीएसटी नोटिस आने पर घबराएँ नहीं नोटिस को ध्यान से पढ़ें, कारण समझें और समय पर रिप्लाई दें जैसे हमने तरीका आपको बताया, सही डॉक्यूमेंट और समय पर नियम पालन से आप पेनल्टी और इंटरेस्ट से बच सकते हैं।
कभी कभी उनका गलती से भी नोटिस आ सकता है इसीलिए समय पर इसका जवाब देना जरूरी है, सही समय पर और सही जवाब देने से आप ज़्यादातर परेशानियों से बच सकते हैं।
में उम्मीद करता हू कि जीएसटी नोटिस आने पर क्या करना है? इसके सभी तरीका और इससे बचने के सभी बात को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
इस पोस्ट से जान लीजिए:- ITC Mismatch: क्या करें अगर GSTR-2B में आपके इनवॉइस नहीं दिख रहे हों?