अगर आप एक बिज़नेसमैन हैं तो आपने जीएसटी इनवॉइस में हुई गलतियों को ठीक करने के बारे में एकबार तो ज़रूर सोचा होगा, क्या आप एक बार जारी किए गए बिल में बदलाव कर सकते हैं? जवाब है, हाँ और इसके लिए आपको क्रेडिट नोट और डेबिट नोट की ज़रूरत होती है।
Credit Note और Debit Note यह दोनों डॉक्यूमेंट जीएसटी सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो आपको इनवॉइस की वैल्यू को बढ़ाने या घटाने की सुविधा देते हैं, आज हम इन दोनों के बारे में पूरा बताएंगे इसीलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
क्रेडिट नोट क्या है? (Credit Note in GST)
क्रेडिट नोट एक ऐसा डॉक्यूमेंट है यह तब जारी किया जाता है जब आपने किसी ग्राहक से ज़्यादा जीएसटी ले लिए हों अब इसको कम करना चाहते है या जब ग्राहक सामान वापस कर दे।
क्रेडिट नोट कब जारी किया जाता है?
- सामान की वापसी (Sales Return): जब आपके ग्राहक आपसे बेचे गए सामान को वापस करना चाहता है।
- बढ़ी हुई कीमत (Increased Price): जब गलती से जीएसटी में गलत इनवॉइस बना है, जैसे कीमत या ज़्यादा जीएसटी लगा दिया गया हो।
- छूट (Discount): जब आपका सामान में कोई खराबी हो और आप ग्राहक को कीमत में छूट देना चाहते हों।
एक उदाहरण से समझे: मान लीजिए आपने ₹5,000 का सामान 18% जीएसटी ₹900 के साथ बेचा, बाद में ग्राहक ने कुछ सामान जैसे ₹2,000 का वापस कर दिया है, अब आप ₹2,000 की कीमत और उस पर लगे ₹360 जीएसटी को कम करने के लिए एक क्रेडिट नोट जारी करेंगे, इससे आपकी जीएसटी से ₹360 कम हो जाएगी।
ऐसा करने से असर: क्रेडिट नोट जारी करने से आप सप्लायर की भी जीएसटी देना कम हो जाती है और आपका ग्राहक का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) भी कम हो जाता है।
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डेबिट नोट क्या है? (Debit Note in GST)
डेबिट नोट क्रेडिट नोट के ठीक उल्टा से काम करता है, यह तब जारी किया जाता है जब आपने किसी ग्राहक से कम पैसे लिए हों या जब आप गलती से इनवॉइस में कम जीएसटी लगा दिया गया हो, और अब इसको बढ़ाना चाहते है।
डेबिट नोट कब जारी किया जाता है?
- कम कीमत: जब गलती से इनवॉइस में कम कीमत या कम जीएसटी लगा दिया गया हो।
- कीमत में बढ़ोतरी: जब इनवॉइस जारी करने के बाद किसी कारण से सामान की कीमत बढ़ जाती है।
एक उदाहरण से समझे: आपने ₹5,000 का सामान 18% जीएसटी के साथ बेचा, लेकिन इनवॉइस में गलती से 5% जीएसटी लग गया है, अब आप उन बची हुई 13% जीएसटी मतलब ₹650 को लेने के लिए एक डेबिट नोट जारी करेंग, इससे आपकी जीएसटी जमा करने के राशि ₹650 बढ़ जाएगी।
ऐसा करने से असर: डेबिट नोट जारी करने से आप सप्लायर की जीएसटी बढ़ जाती है और ग्राहक का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) भी बढ़ जाता है।
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Credit Note और Debit Note: मे सबसे बड़ा फर्क क्या है?
आधार | क्रेडिट नोट (Credit Note) | डेबिट नोट (Debit Note) |
उद्देश्य | इनवॉइस की वैल्यू और जीएसटी को कम करना। | इनवॉइस की वैल्यू और जीएसटी को बढ़ाना। |
जारी करने वाला | सप्लायर | सप्लायर |
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निष्कर्ष: जीएसटी में क्रेडिट नोट और डेबिट नोट के बारे में
जीएसटी में क्रेडिट नोट और डेबिट नोट दोनों ही इनवॉइस की गलतियों को सुधारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, मतलब यह दोनों बहुत ही जरूरी डॉक्यूमेंट हैं।
में उम्मीद करता हू कि डेबिट और क्रेडिट नोट क्या होता है? इसके सभी बातों को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
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