GST में ITC Reversal और Rectification क्या है? इसे कब और कैसे करें?

जब आप एक बिज़नेस चलाते हैं तो इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से आपके व्यापार में बड़ा फायदा होता है, क्योंकि यह आपके टैक्स को बहुत कम कर देता है, लेकिन कभी कभी आपके गलती से ज़्यादा आईटीसी क्लेम कर लेते हैं या कभी आईटीसी लेना भूल जाते हैं।

भारत के जीएसटी कानून में ऐसी गलतियों को सुधारने का पूरा ऑप्शन दिया गया है, इस काम को ITC Reversal और Rectification कहा जाता है, आज हम इस पोस्ट में दोनों के बारे में विस्तार से बताएंगे इसीलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े, चलिए इन दोनों को आसान बातों से समझते हैं।

ITC Reversal क्या है? इसे कब करना होता है?

आईटीसी में रिवर्सल का मतलब है गलती से क्लेम किए गए आईटीसी को सरकार के पास वापस करना, यह तब होता है जब आपने किसी ऐसे सामान या सेवा पर आईटीसी ले लिया हो जिस पर आपको कानूनी रूप से हक नहीं था।

यह एक तरह से सरकार से लिया हुआ टैक्स को वापस देना है जो आपने गलती से क्लेम कर लिया था, यही आईटीसी रिवर्सल का काम है।

किन मामलों में ITC Reversal करना होता है:

  • गैर-व्यावसायिक उपयोग: यदि आप अपने बिज़नेस के लिए खरीदे गए सामान या सेवाओं का इस्तेमाल पर्सनल या व्यापार के बाहर के कामों के लिए कर लेते हैं।
  • 180 दिनों में पेमेंट न करना: जब आप अपने सप्लायर को इनवॉइस की तारीख से 180 दिनों के भीतर पेमेंट नहीं किया हो।
  • खोए या चोरी हुए सामान: जब आपने किसी सामान पर आईटीसी ले लिया हो, लेकिन वह सामान बाद में चोरी हो गया हो, या नष्ट हो गया हो या फिर खो गया हो।
  • टैक्स फ्री सामान: जब आप ऐसे सामान या सेवा के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेते हैं जो असल में टैक्स फ्री हैं।
  • फेक इनवॉइस: इनवॉइस में गलती है या कोई फेक इनवॉइस है उसका आईटीसी आपने क्लेम कर दिया।
  • ITC + Depreciation क्लेम: अगर गलती से दोनों क्लेम हो गया तो डबल बेनिफिट हो जाएगा, यह जीएसटी नियम के हिसाब से गलत है, आप आईटीसी और डिप्रिसिएशन दोनों में से एक चुनना होगा।

यह कहाँ दिखाना होता है?

यह आपको अपने GSTR-3B रिटर्न के Table 4B(2) में दिखाना होता है, तब यह आपके पूरे आईटीसी में से कम हो जाता है और आपको उन टैक्स जमा करना होता है।

डिप्रिसिएशन क्लेम (Depreciation Claim) क्या है?

मान लीजिए अगर आपने कोई मशीन या सामान खरीदा है और उस पर जीएसटी भी दिया है, तब आपके पास दो ऑप्शन होते हैं, या तो उस दिए हुए जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम कर ले, या फिर मशीन की पूरी कीमत (जीएसटी के साथ) पर इनकम टैक्स में डिप्रिसिएशन क्लेम करें। 

दोनों एक साथ नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसा करने से आपको डबल फायदा मिल जाएगा, जो जीएसटी क़ानून के खिलाफ है, अगर गलती से आपने दोनों क्लेम कर दिया, तो जीएसटी का आईटीसी रिवर्स करना पड़ेगा।

ITC Rectification क्या है? इसे कब करना होता है?

आईटीसी रेक्टिफिकेशन का मतलब है गलती से कम क्लेम किए गए आईटीसी को ठीक करना, यह अक्सर तब होता है जब आप किसी वैलिड इनवॉइस पर आईटीसी लेना भूल गए हों या किसी और कारण से उसे क्लेम नहीं कर पाए हों।

यह एक तरह से अपना बची हुई सही आईटीसी लेना है जो आपको मिलना चाहिए था, आईटीसी क्लेम मिस्टेक या मिसमैच को सुधारने के लिए रेक्टिफिकेशन का काम आता हैं।

किन मामलों में Rectification करना होता है:

  • इनवॉइस छूट जाना: जब आप पिछले महीने का कोई इनवॉइस गलती से छोड़ देते हैं, और उसका आईटीसी लेना भूल जाते हैं।
  • देर से अपलोड: अगर आपके सप्लायर ने इनवॉइस को देरी से अपलोड किया हो और वह आपके GSTR-2B में बाद में दिखाई दे।

उदाहरण: आपने ₹20,000 आईटीसी का दावा किया जबकि असल में ₹25,000 बन रहा था, तब अगले महीने के रिटर्न में करेक्शन कर रेक्टिफाई कर सकते हैं।

यह कहाँ दिखाया जाता है?

देखिए जीएसटी में रेक्टिफिकेशन के लिए कोई अलग सेक्शन नहीं होता है, आप बस जिस महीने रिटर्न फाइल कर रहे हैं, उस महीने के GSTR-3B में उस छूटे हुए आईटीसी को ‘All other ITC’ में क्लेम करना होता हैं।

इस पोस्ट से जाने:- जीरो सेल होने पर भी GST रिटर्न भरना है क्या? नहीं भरने पर कितनी पेनल्टी लगेगी?

Reversal और Rectification के बीच अंतर

अब में आपको रिवर्सल और रेक्टिफिकेशन में अंतर का एक टेबल बनकर दिखा रहा हूं, इससे आपको और क्लियर समझमें आएगा:

AspectITC ReversalITC Rectification
उद्देश्यगलती से लिए गए ज्यादा आईटीसी को वापस करना।गलती से छूटे हुए कम आईटीसी को क्लेम करना।
GSTR-3B में असरआपके कुल आईटीसी को कम करता है।आपके कुल आईटीसी को बढ़ाता है।
मुख्य कारणगलत क्लेम या सामान का उपयोग बदलना।इनवॉइस का छूट जाना या देर से मिलना।

अब आप शायद समझ गए होंगे कि Rectification गलती सुधारने की तरीका है, जबकि Reversal गलत या इनवेलिड आईटीसी सरकार को वापस करने की तरीका है।

आपने देखा एक गलत इनवॉइस बनाने से आईटीसी में रिवर्सल और रेक्टिफिकेशन ऐसे कितने मुश्किल झेलने पड़ते है, लेकिन आपके साथ ऐसा न हो इसीलिए आपके लिए एक पोस्ट है इसको जरूर पढ़े:- GST में गलत इनवॉइस को कैसे कैंसिल करें या सुधारें? स्टेप बाय स्टेप गाइड

क्या आईटीसी के गलती क्रेडिट नोट या डेबिट नोट से सुधारा जा सकता है?

देखिए जीएसटी में क्रेडिट नोट और डेबिट नोट का काम अलग है और रिवर्सल और रेक्टिफिकेशन का काम अलग है, चलिए इन दोनों को समझते हैं:

क्रेडिट नोट और डेबिट नोट ​इनका इस्तेमाल इनवॉइस में हुई गलतियों को ठीक करने के लिए किया जाता है, यह गलतियाँ माल की कीमत या उस पर लगाए गए जीएसटी से जुड़ी होती हैं।

यह डॉक्यूमेंट हमेशा सप्लायर के हाथ में होता है और वह जारी करता है (मतबल सेलर), यह कब इस्तेमाल होता है नीचे के पॉइंट से समझे:

  • क्रेडिट नोट: जब ग्राहक ने सामान वापस कर दिया हो या इनवॉइस में गलती से ज़्यादा बिल बन गया हो।
  • डेबिट नोट: जब इनवॉइस में गलती से कम बिल बन गया हो।

मतलब इनका संबंध सीधे बेचे गए सामान या दी गई सेवा पर होता है, इस पोस्ट से पूरे बात जाने:- Credit Note और Debit Note जीएसटी में क्या हैं? जानें आसान बातों से

एक टेबल क्रेडिट/डेबिट नोट और रिवर्सल/रेक्टिफिकेशन के

AspectGST Credit/Debit NoteITC Reversal/Rectification
किसके बीच होता है?सप्लायर और ग्राहक के बीचसिर्फ टैक्सपेयर (आपके खुद के रिकॉर्ड) में
मुख्य उद्देश्यसप्लाई इनवॉइस की गलती को ठीक करना (जैसे गलत राशि, टैक्स कम या ज्यादा)GSTR-3B में भरे गए आईटीसी के गलती को सही करना
उदाहरणगलत HSN, ज्यादा बिलिंग, टैक्स की अतिरिक्त वसूलीआईटीसी में गलती से ज्यादा ले लिया, या किसी खोए/चोरी हुए माल पर आईटीसी क्लेम किया

इस पोस्ट से जाने:- GST में गलत HSN Code डालने पर कितना जुर्माना? और इससे कैसे बचे जानिए पूरी जानकारी

निष्कर्ष: आईटीसी में रिवर्सल और रेक्टिफिकेशन के बारे में

कुल मिलाकर ITC Reversal और Rectification यह दोनों ही आपके रिटर्न में हुई गलतियों को ठीक करने के लिए काम आता हैं।

  • ITC Reversal का मतलब है पैसा वापस देना।
  • ITC Rectification का मतलब है जो भूल गए थे उसे वापस लेना। 

अगर आपसे भी ऐसे गलती हुई है तो इन दोनों को सही समय पर इस्तेमाल करें ताकि आप भविष्य के किसी भी कानूनी परेशानी और टेंशन से बच सकें।

में उम्मीद करता हू कि ITC के Reversal और Rectification क्या होता है? इसके अंदर के सभी बातों को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।

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