में खासकर यह पोस्ट गूगल एडसेंस के इनकम पर टैक्स कितने देने होते हैं? हमारे भारत के ब्लॉगर और यूट्यूबर्स के लिए बना रहा हु, और यह पोस्ट सिर्फ ब्लॉगर और यूट्यूबर के लिए नहीं है कंटेंट क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर्स, या और कोई भी व्यक्ति जो गूगल एडसेंस से कमाई करता है या ऑनलाइन कही से पैसा आ रहा है या आगे ऐसे काम करना चाहता है उन सभी के लिए है यह पोस्ट बहुत काम में आएगी।
भारत के अंदर गूगल एडसेंस ब्लॉग और यूट्यूब दोनों से होने वाली कमाई पर भारत में आयकर (Income Tax) और GST (वस्तु एवं सेवा कर) के नियमों को समझाना आपके लिए बहुत ही जरूरी है, नहीं तो बाद में आपको दिक्कत का सामना पढ़ सकता है।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
Google AdSense इनकम क्या है? और इसे कैसे देखा जाता है?
छोटे से जवाब में समझे कि गूगल एडसेंस कैसे काम करता है? गूगल एडसेंस गूगल का एक एड्स नेटवर्क हैं, जो लोगों के वेबसाइट या यूट्यूब क्रिएटर्स को अपने पोस्ट में या वीडियो में विज्ञापन (ADS) को दिखाकर कमाई करने का मौका देता है।
एडसेंस से गूगल आपकी वेबसाइट या यूट्यूब चैनल पर विज्ञापन दिखाता है, जो आपने बहुत बार देखा ही होगा, और जब कोई लोग उन एड्स पर क्लिक करता हैं या उन्हें देखते हैं तो इसके बदले क्रिएटर्स को पैसे मिलते हैं।
एडसेंस से होने वाली इनकम को भारत के आयकर कानूनों में व्यवसाय या पेशे से लाभ और प्राप्ति (Profits and Gains from Business or Profession) के रूप में देखा जाता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि आप किसी न किसी तरह से सामग्री को बना रहे हैं और एड्स दिखाने के लिए जगह दे रहे हैं, इसीलिए यह एक व्यावसायिक गतिविधि है।
कंटेंट क्रिएटिंग काम को व्यावसायिक गतिविधि के रूप में देखना यह हम क्रिएटर्स के लिया बहुत ही अच्छा है, क्योंकि इससे आपको अपने खर्चों में कटौती का लाभ मिलता है, जैसे लैपटॉप और कैमरा में खरीदने में 18% जीएसटी लगता है।
इस 18% जीएसटी को आप वापस ले सकते है सरकार से आईटीआर फाइल करके, इसका फायदा आप कैसे ले सकते है जैसे 18% जीएसटी वापस लेना यह सब नीचे हम सब बात करेंगे।
इस पोस्ट को पढ़े:- डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में क्या अंतर है? जानें सरल भाषा में उदाहरणों के साथ
Google AdSense इनकम पर आयकर (Income Tax) के नियम
गूगल एडसेंस इनकम पर टैक्स कितना देना है यह समझने के लिए आपको टैक्स के स्लैब और दरें को समझना होगा, एडसेंस और अन्य जगह से आए हुए इनकम पर हर एक के आयकर स्लैब दरों अलग अलग होते है इनकम के अनुसार।
एडसेंस और फ्रीलांसिंग से होने वाली इनकम पर आपको भारत के सामान्य आयकर स्लैब दरों के हिसाब से टैक्स देना होता है, कहने का मतलब है कि आपकी कुल इनकम (एडसेंस + अन्य कामों से आया हुआ पैसा) के आधार पर आपको टैक्स देना पड़ेगा, ठीक वैसे ही जैसे सैलरी लेने वाला या जो अन्य व्यवसायी लोग देते हैं।
कटौतियां और छूट (Deductions & Exemptions):
खर्चों की कटौती मतलब किन खर्चों में आप अपनी एडसेंस इनकम से टैक्स कम कर सकते हैं? इसमें आप लैपटॉप, कैमरा, माइक, इंटरनेट बिल, वेबसाइट होस्टिंग, थीम, प्लगइन्स, सॉफ्टवेयर सब्सक्रिप्शन, घर के बिजली बिल का व्यावसायिक हिस्सा, और कभी कभी यात्रा का खर्च भी शामिल हो सकते हैं।
इन सभी खर्चों को घटाने से आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है, और अपने इन सामान पर दिए हुए टैक्स का पैसा वापस ले सकते हैं, इन सब फायदे लेने के लिए आप जीएसटी रजिस्ट्रेशन कर आपको जीएसटी नंबर लेना पड़ेगा जो हम आगे बात करेंगे।
धारा 44ADA का फायदा भारत के ब्लॉगर, यूट्यूबर और अन्य फ्रीलांसिंग इनकम करने वाले के लिए एक धारा 44ADA सरकार ने बनाया है इसे अनुमानित कराधान योजना बोलते है, इसका बहुत सारा फायदा है जो जानने के बाद आप बहुत खुश हो जाएंगे।
ITR जमा करने के समय धारा 44ADA को अगर आप चुनते है तो आपका एडसेंस के साथ बाकी इनकम अगर ₹75 रुपए लाख तक है एक वित्तीय वर्ष के अंदर तो आपको 50% तक छूट मिलती है।
क्योंकि धारा 44ADA के अनुसार आपका 50% खर्चा के अंदर चला जाता है चाहे आपका खर्चा आपके इनकम के 50% तक न हो, और आपको बचे हुए 50% इनकम का टैक्स देना होता है, इससे आपको आपका खर्चा का हिसाब रखने की जरूरत नहीं पड़ती है।
अनुमानित कराधान योजना (Presumptive Taxation Scheme) धारा 44ADA यह हमारे डिजिटल क्रिएटर के लिए बहुत ही अच्छा फायदा है, इसके अंदर सिर्फ आपको इनकम का 50% लाभ मानकर टैक्स देना होता है, आपको बस फाइनेंशियल ईयर का ध्यान रखना है।
हर फाइनेंशियल ईयर जो 1 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक रहता है जैसे यह फाइनेंशियल ईयर 2025-26 चल रहा है, इसमें और एक चीज आपको एडवांस टैक्स का ध्यान रखना है।
धारा 44ADA का एक नुकसान भी है अगर आपका असली खर्चा 50% से ऊपर हैं तो यह योजना आपके लिए नुकसान दे सकता है, क्योंकि आपका खर्चा ज्यादा है और आप 50% से ऊपर खर्चों का दावा नहीं कर सकते।
ऐसे में आपको नियमित व्यावसायिक आय के अनुसार में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना ज्यादा अच्छा रहेगा जहां आप अपना सभी खर्चा का सही डेटा सरकार को दिखाकर अपने बचे हुए पैसे का टैक्स देंगे।
अगर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनते हैं तो आपकों इन धारा 80C, 80D में मिलने वाले अन्य डिडक्शन मिलते है जैसे PPF, EPF, NSC, जीवन बीमा प्रीमियम, होम लोन का मूलधन भुगतान, बच्चों की ट्यूशन फीस, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के भुगतान दिखाकर अपने टैक्स बचा सकते हैं।
एडवांस टैक्स (Advance Tax): अगर आपका हिसाब से आपका सालाना टैक्स ₹10,000 रुपए से ऊपर होने की संभावना है, तो आपको साल बीच हर तीसरा मंथ में एडवांस टैक्स किस्तों में जमा कराना जरूरी है।
एडवांस टैक्स अगर आप भारत के अंदर किसी से अपना काम को करवाते हैं और मान लीजिए अपने 1 लाख का फीस दिया और उसमें 18% जीएसटी 18000 दिया तो वह 18000 रुपया सरकार के पास आपका नाम से जमा होगा, और साल के अंत में इस 18000 टैक्स को काटकर जितना बचता है आपको उतना टैक्स देना है।
ऐसे ही अगर आप भारत के अंदर कोई फ्रीलांसिंग 1 लाख काम कर किसी से अपने काम के लिए 18000 का जीएसटी लिया तो वह भी आपको सरकार को देना पड़ेगा, क्योंकि यह किसी दूसरे के टैक्स का पैसा है और वह उस पैसा का क्लेम करेगा।
Google AdSense इनकम पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) के नियम
अब आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कितना इनकम गूगल एडसेंस से होने के बाद जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना ज़रूरी है? अब आपका इस सवाल का जवाब भी में दे देता हु।
जीएसटी भारत में वस्तु और सेवाओं में लगता है और आप जो ऑनलाइन काम कर रहे हैं वह सेवा के अंदर आता है, और आगर आपका सालाना इनकम 20 लाख रुपए से अधिक हो तो आपको अपना जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है, इसमें कुछ विशेष राज्यों के लिए 10 लाख रूपए में से जीएसटी लागू होती है।
हमने जीएसटी के ऊपर एक विस्तार से पोस्ट लिखा है, जीएसटी को पूरा समझने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें:- Gst क्या है, और 4 प्रकार के जीएसटी क्या है?
गूगल एडसेंस से होने वाली इनकम पर जीएसटी के नियम थोड़े सा अलग हैं क्योंकि यह इनकम विदेश से आता है, जो गूगल हमे विदेशी मुद्रा में पेमेंट करता है वह Google Ireland या Google Singapore से करती है।
बाहर से आने वाली पैसा को ‘सेवाओं का निर्यात’ (Export of Services) के रूप में माना जाता है, और हमारे सरकार बाहर से आने वाली इनकम को ज्यादा वैल्यू देते है, क्योंकि यह सर्विस सरकार बढ़ाना चाहता है, इसीलिए इस एडसेंस के इनकम पर बहुत छूट दी गई है।
एक महत्वपूर्ण बात आप जान कर रखे की कुछ ‘सेवाओं के निर्यात’ के मामले में कुछ कारणों में आपको टर्नओवर सीमा नही देखी जाती है, और बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन से आप वह काम नहीं कर सकते, लेकिन गूगल एडसेंस के लिए यह 20 लाख ही है।
भारत में गूगल एडसेंस इनकम पर जीएसटी दर:
भारत में गूगल एडसेंस इनकम पर जीएसटी नहीं लगता, इस सेवा के इनकम में आप पर शून्य-रेटेड आपूर्ति (Zero-Rated Supply) लागू होता हैं, इसका मतलब है कि आपका गूगल एडसेंस इनकम पर जीएसटी कानून में कोई चार्ज नहीं देना पड़ता।
आप अपने एडसेंस इनकम पर जीरो जीएसटी का फायदा उठाने के लिए आपको LUT (Letter of Undertaking) फाइल करना जरूरी है, एलयूटी फाइल करके रखने से आप भविष्य के कोई भी जीएसटी कानूनी उलझन से बच जाते हैं।
- आपको मैं बता दूं एलयूटी फाइल करने के लिए आपको जीएसटी अकाउंट होना जरूरी है।
- जीएसटी अकाउंट आपको तब बनाना है जब आपका सालाना इनकम 20 लाख ऊपर हो जाए।
ऊपर में मैंने आपको 75 लाख का बताया जिसमें आपको 50% इनकम का टैक्स देना होता है, यह नियम आप पर तब लागू होते हैं जब आप गूगल ऐडसेंस और बाकी सारे काम से पैसा कमाते हैं जैसे फ्रीलांसिंग भारत में कर रहे हैं, इसका मतलब यह है कि ऐडसेंस+फ्रीलांसिंग एक साथ में तब आप पर 50% टैक्स लागू होते हैं।
GST अनुपालन (Compliance):
जीएसटी नियम में आपका अगर आपका एडसेंस इनकम पर जीएसटी शून्य हो फिर भी आपको GSTR-1 और GSTR-3B रिटर्न फाइल करना नहीं भूलना चाहिए।
जीएसटी में एकबार रजिस्टर्ड होने के बाद आपको नियमित रूप से GSTR-1 से अपनी बिक्री का विवरण और GSTR-3B से टैक्स का सारांश का हिसाब सरकार को देने होते है, नहीं तो आपके निर्यात पर IGST 18% तक देना पड़ सकता है।
और आप इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सकते है, आपकी व्यावसायिक खर्चों पर भुगतान किए गए जीएसटी के पैसे जैसे लैपटॉप, सॉफ्टवेयर, इंटरनेट बिल का जो हमने ऊपर में पूरा लिस्ट दिया है आपको।
इन सभी का आप जीएसटी रिटर्न इसीलिए ले सकते हैं क्योंकि यहां पर आपकी आउटपुट जीएसटी जीरो है, इसीलिए आप आईटीसी क्लेम से इन पैसे को वापस ले सकते हैं।
हमने पहले भी बात किया था और एक बार आपको याद दिला दूं की अगर आप भारतीय ब्रांड या किसी क्लाइंट से कमाई करते है जैसे स्पॉन्सरशिप से तो वह एडसेंस में नहीं आता है, तो उन पैसे पर आपको 18% जीएसटी लेना है जब आप जीएसटी में रजिस्टर्ड हो जाए, इससे आप सभी इनकम का 50% टैक्स सरकार को देंगे।
अगर आप सिर्फ एडसेंस से इनकम के वजह से जीएसटी रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं तो 20 लाख रुपए में USD 23320$ के आस पास होते है, यह डॉलर का वैल्यू कम ज्यादा होता रहता है, में आपको 23 हजार डॉलर के बारे में इसलिए बताया क्योंकि गूगल ऐडसेंस का इनकम डॉलर से बनता है।
और डॉलर से कन्वर्ट होकर हमारे इंडियान अकाउंट में रूपए से जमा होता है, अगर आपका इनकम 23 हजार डॉलर से ऊपर होने के चांस है तो आपको जरूर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना चाहिए, और अगर आप भारत में ऑनलाइन सेल कर रहे तो भी आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है इसमें आपका इनकम चाहे ₹1 रुपए भी हो।
इस पोस्ट को पढ़े:- TDS कटने के बाद भी Tax भरना पड़ता है? जानिए पूरा सच
Google AdSense और TDS (स्रोत पर कर कटौती)
आपका सभी सवाल का जवाब इस पोस्ट में ही मिलेगा, जब गूगल एडसेंस का पैसा बाहरी मुद्रा है इसपर आपका टीडीएस नहीं काटा जाता, टीडीएस काटना भारत के टैक्स कानून में हो जो भारत के अंदर लेन देन करते है, गूगल एडसेंस का पैसा भारत में Google Ireland या Singapore से आता है इसीलिए इन इनकम पर टीडीएस नहीं बनता।
टीडीएस आपको तब लग सकता है जब कोई भारतीय क्लाइंट हो और वह आपको आपके काम का पैसा दे रहा है और उस पैसे पर टैक्स बन रहा है तब उस मामले पर आपका टीडीएस काटा जाता है, आपकी एडसेंस इनकम पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है।
अगर आप यूएस में रहते है तो यूएस टैक्स नियमों के तहत कुछ टैक्स का पैसा काट सकते हैं, इसके लिए आपको फॉर्म W-8BEN भरना पड़ सकता है, यूएस टैक्स से बचने के लिए, यह फॉर्म W-8BEN का भारत में कुछ काम नहीं है।
भारत में एडसेंस इनकम पर जीरो टैक्स है, इसीलिए भारत के पैन कार्ड गूगल एडसेंस अकाउंट पर जमा करना हैं ताकि आपको सीधा पैसा मिल सके बिना दुबिदा के।
इस पोस्ट को पढ़े:- TDS Return और Income Tax Return में क्या अंतर है? जानिए पूरी जानकारी
आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग और ज़रूरी दस्तावेज़
एडसेंस इनकम पर आईटीर के लिए कौन सा फॉर्म चुनें यह भी आपको पूरा क्लियर होना जरूरी है जो हमने ऊपर में थोड़ा सा बात किया था।
हमारे ब्लॉगर और यूट्यूबर्स के लिए ITR-3 अगर इनकम ‘व्यवसाय या पेशे’ से आया है, और इसमें अपने इनकम दिखाने के लिए आप विस्तृत बहीखाता (मतलब पैसा कितना आया कितना खर्च हुआ) रखने की जरूरत होती है, यह भी हमने ऊपर में बात किया था आपका आए हुए सभी पैसा का हिसाब आपको खुद रखना होगा।
ITR-4 अगर आप अनुमानित कराधान योजना धारा 44ADA चुनते हैं तो आपको फॉर्म ITR-4 फाइल करना होता है, इसमें आपको अपने आए हुए पैसे और खर्च का हिसाब नहीं रखना होता है 75 लाख तक सालाना।
ज़रूरी दस्तावेज़ आपके एडसेंस से आए हुए पैसे का स्टेटमेंट जो आपके एडसेंस अकाउंट में रहता है, आपके बैंक स्टेटमेंट जिसमें आपका एडसेंस का पैसे आते है, आपके किए हुए खर्चों के बिल और रसीदें, पैन और आधार कार्ड की आपको ज़रूरत होती है इसीलिए आप इसे सम्भाल कर रखे।
फॉर्म 26AS एडसेंस में कोई टीडीएस नहीं कटता, इसलिए फॉर्म 26AS आपके लिए जरूरी नहीं है, लेकिन आपके भारत में अन्य इनकम पर आए हुए पैसे के लिए काम आएगी।
इस पोस्ट को पढ़े:- बिना CA के ITR कैसे फाइल करें? जानिए आसान तरीका स्टेप-बाय-स्टेप
Google AdSense इनकम टैक्स से जुड़ी आम गलतियाँ और उनसे कैसे बचें
अपनी एडसेंस इनकम को छुपाना और आयकर रिटर्न में जमा न करना एक बड़ी गलती है, आप आईटीआर जमा करे आपके टैक्स बने या न बने।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन ना करवाना जब जरूरी हो, और जब आपके टर्नओवर सरकार के बनाए सीमा पार कर जाती है, क्योंकि आप सेवा दे रहे है।
LUT फाइल ना करना, जब आप ‘सेवाओं का निर्यात’ कर रहे हैं, तो एलयूटी फाइल ना करना से जीएसटी के नियम में गलत है।
अपने खर्चों को ट्रैक ना करना, आप इनकम करने के लिए खरीदे गए काम आने वाले सामान के खर्चों के बिल का रिकॉर्ड ना रखना, इससे आप टैक्स रिटर्न का लाभ नहीं ले सकते।
सही समय पर एडवांस टैक्स जमा ना करना, अगर आपका इनकम में आगे टैक्स ज्यादा बनेगा तो एडवांस टैक्स ना भरने पर जुर्माना भी लग सकता है।
गलत ITR फॉर्म चुनना, सभी कैटेगरी के काम के लिए अलग अलग आईटीआर फाइल बनाए गए है अपने काम में आए आप ऐसे सही आईटीआर फाइल करे, ताकि आपको बाद में परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस पोट को भी पढ़ें:- TDS और GST दोनों कैसे संभालें? (फ्रीलांसर के लिए गाइड)
निष्कर्ष और महत्वपूर्ण सलाह
गूगल एडसेंस से कमाई करना एक बेहतरीन अवसर है, और भारत में बहुत लोग करते है, लेकिन इसके साथ टैक्स और जीएसटी नियमों का सही पालन करना भी ज़रूरी है, और समय पर आयकर रिटर्न और जीएसटी रिटर्न फाइल करना भी जरूरी है।
कुल मिलाकर गूगल एडसेंस इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता है, लेकिन अगर आपका भारत में फ्रीलांसिंग या स्पॉन्सरशिप से पैसा आ रहा है तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना और टैक्स देना जरूरी है, जो हमने ऊपर चर्चा किया था।
और आप ब्लॉगर और यूट्यूबर्स आप सभी लोग अपनी इनकम और खर्चों को नियमित रूप से रिकॉर्ड रखे ताकि बाद में आपको दिक्कत न हो, और आप किसी टैक्स के नियम में न फंसे, टैक्स नियमों की सही जानकारी रखना आपको किसी भी टैक्स कानूनी समस्या से बचाएगा।
अगर आपका एडसेंस से इनकम बहुत ज्यादा है या आपको टैक्स नियम ज्यादा समझने नहीं आता या आपको इन सब का रिकॉर्ड रखना मुश्किल हो रहा है, तो आप एक योग्य टैक्स सलाहकार (चार्टर्ड अकाउंटेंट या CA) का मदद ले।
CA से सलाह लेना हमेशा सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि वह इसी लाइन से पढ़े है वे आपकी काम के अनुसार सबसे सटीक और अच्छा मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
यह पोस्ट गूगल एडसेंस इनकम पर टैक्स कितना? इस टॉपिक पर में उम्मीद करता हूं कि आपको जानकारी मिली है, अपने दोस्तों के साथ और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।