हर साल लाखों में फ्रीलांसर अपने आईटीआर फाइल करते समय मुश्किल में पड़ते हैं, कि आईटीआर कैसे भरें और आपके लिए कौन सा फॉर्म (जैसे ITR-3, ITR-4) सबसे सही रहेगा, हम आज सब बात करेंगे।
देखिए एक फ्रीलांसर के रूप में आप अपनी फ्रीलांस सेवाओं के बदले पैसे कमाते हैं, लेकिन जब बात आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की आती है, तो यह अक्सर एक बड़ा सिरदर्द बन जाता है, कौन सा फॉर्म भरना है, क्या क्या डॉक्यूमेंट चाहिए और फाइलिंग पूरी प्रक्रिया क्या है? ये कुछ सवाल हर फ्रीलांसर को शुरुआत में परेशान करता हैं।
लेकिन असल में आईटीआर फाइल करना उतना मुश्किल नहीं है जितना नाम से लगता है, आज का यह पोस्ट आप फ्रीलांसरों के लिए आईटीआर फाइलिंग की पूरी प्रक्रिया और नियम को सरल शब्दों में आपको बताऊंगा इसलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ें।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
ITR क्या है और फ्रीलांसरों के लिए यह क्यों ज़रूरी है?
ITR का असली मतलब है आयकर रिटर्न (Income Tax Return), यह एक सालाना फॉर्म है जो हर व्यक्ति को अपनी आय, खर्चों और टैक्स का हिसाब आयकर विभाग को देने के लिए जमा करना होता है।
लेकिन यह आईटीआर फ्रीलांसरों के लिए बहुत ज़रूरी क्यों है चाहिए बात करते है:
- कानूनी जिम्मेदारी: यह आपकी एक कानूनी दायित्व है, अगर आपकी कमाई सरकार के बनाए हुए टैक्स सीमा से ज़्यादा हो जाती है, तो आईटीआर फाइल करना जरूरी है।
- बैंक लोन के लिए: किसी भी बैंक से बड़े लोन या क्रेडिट कार्ड लेने के लिए आपको पिछले कुछ सालों की जमा किया हुआ आईटीआर रसीद दिखानी पड़ती है।
- टैक्स रिफंड: अगर आपके क्लाइंट ने आपकी पैसे पर से टीडीएस (TDS) काटा है, तो आप आईटीआर फाइल करके उस कटे गए टीडीएस के पैसे को वापस (रिफंड) ले सकते हैं।
फ्रीलांसरों के लिए कौन सा ITR फॉर्म सही है?
सभी फ्रीलांसरों के लिए मुख्य रूप से दो आईटीआर फॉर्म होते हैं: ITR-4 और ITR-3, इसमें से सही आईटीआर फॉर्म को चुनना आपकी आय के प्रकार पर निर्भर करता है।
ITR-4: यह सबसे सरल होता है
यह फॉर्म उन सभी फ्रीलांसरों के लिए है जो अनुमानित कराधान योजना (Presumptive Taxation Scheme) का विकल्प की चुनते हैं।
- यह कौन चुन सकता है: अगर आपका सालाना कुल इनकम (Gross Receipts) ₹75 लाख के अंदर है, तो आप यह फॉर्म चुन सकते हैं।
- इस स्कीम का फायदा: इस योजना के अंदर आपको अपनी एक साल के पूरे कमाई का 50% लाभ माना जाता है, और आपको केवल 50% लाभ पर ही टैक्स देना होता है, इस फॉर्म चुनने से आपको अपने सभी खर्चों का हिसाब रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
ITR-3: यह कब ज़रूरी हैं
- अगर आपकी कुल सालाना कमाई ₹75 लाख से ऊपर हो जाता है, तब आपको ITR-3 फॉर्म भरना होगा।
- ITR-3 में आपको अपनी इनकम और सभी खर्चों का पूरा हिसाब रखना और देना होता है, यह ITR-4 से ज़्यादा कठिन काम है।
एक सलाह: अगर आपका सालाना कमाई 75 लाख से कम होता है तो आप ITR-4 का ऑप्शन चुनें, यह बहुत आसान है और आपका समय बचाता है, सरकार इसीलिए अनुमानित कराधान योजना लाया है ताकि फ्रीलांसरों के काम करने वाले लोगों को ज्यादा फायदा हो और उनका टैक्स कम बने।
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ITR-4 कैसे भरें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
ITR-4 जमा करने के तरीका बहुत ही सीधी है, नीचे मैने आपको कुछ आसान स्टेप्स बताया हूं आप इनको ध्यान से समझे:
1.कुछ ज़रूरी डॉक्यूमेंट अपने पास रखे:
- पेन कार्ड और आधार कार्ड सबसे जरूरी है।
- बैंक अकाउंट का डिटेल्स
- टीडीएस का प्रमाण पत्र जैसे (फॉर्म 16A) अगर आपके क्लाइंट ने टीडीएस काटा है तो।
2.इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉग इन करें:
- https://www.incometax.gov.in/ पर जाएं।
- अपने पैन कार्ड नंबर और पासवर्ड डाल कर लॉग इन करें।
3.अपना सही फॉर्म को चुनें:
- अब “File Your Return” सेक्शन में जाएं और आकलन वर्ष (Assessment Year) चुनें।
- “Online” मोड को चुनें और “ITR-4” फॉर्म का ऑप्शन को चुने।
4.इनकम का डिटेल्स भरें:
- अब “Gross Receipts” में अपनी सालाना कुल कमाई को भरें।
- सिस्टम अपने आप से ही इसका 50% लाभ के रूप में गिनेगा।
5.टैक्स का पेमेंट करें:
- अगर आपका कोई टीडीएस कटा है, तो वह आपके फॉर्म 26AS में दिखेगा, और आप उसका क्रेडिट ले सकते हैं, और आपका टैक्स कम हो जाएगा।
- अगर अब आपकी कोई टैक्स देना बनती है, तो वह जमा करें।
6.फॉर्म को सबमिट करें:
- अपने डाले हुए सभी डिटेल्स को अच्छे से देखे और “Verify” करके अपना आईटीआर फॉर्म सबमिट करें।
- तो आपका आईटीआर जमा करने का काम खत्म हो गया।
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ITR फाइल करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
आपको अपना आईटीआर फाइल करने के समय एक दूं बातों का ध्यान रखना चाहिए यह भी आप जान लीजिए:
- फॉर्म 26AS की जाँच करें: आईटीआर फाइल करने से पहले देखे कि आपके सभी टीडीएस सही से काटा गया है या नहीं।
- लास्ट डेट का ध्यान रखें: हमेशा समय से पहले आईटीआर फाइल करें ताकि आखिरी समय की परेशानी से और टैक्स जैसे समस्या से आप बच सकें।
ITR साल में कितने बार जमा करने होते है?
यह एक छोटा सा सवाल है कि एक साल में कितने बार आईटीआर जमा करने होते है, देखिए ITR का मतलब है (इनकम टैक्स रिटर्न या आयकर रिटर्न) मतलब आपके इनकम टैक्स सरकार को देना होता है।
आईटीआर साल में एक बार जमा किया जाता है, आयकर विभाग हर वित्तीय वर्ष मतलब (Financial Year 1 अप्रैल से 31 मार्च) खत्म होने के बाद आईटीआर फाइल करने की समय सीमा को तय करता है, यह समय सीमा ज्यादा तर अगले साल 31 जुलाई तक की होती है।
टैक्स में फाइनेंशियल ईयर या वित्तीय वर्ष (FY) का मतलब जिस साल आप इनकम करते है और एसेसमेंट ईयर (AY) का मतलब जिस साल आप टैक्स जमा करते है, इस एसेसमेंट ईयर में एक बार की फाइलिंग में, आप अपने पूरे साल की इनकम, खर्च, और टैक्स का पूरा हिसाब आयकर विभाग को देते हैं।
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निष्कर्ष (Conclusion): फ्रीलांसरों के लिए आईटीआर
आईटीआर फाइल करना कोई भी फ्रीलांसर के लिए बहुत ही ज़रूरी है, टैक्स जमा करना आपका न सिर्फ़ कानूनी दायित्व है, बल्कि यह आपके करियर और आगे के भविष्य के लिए भी एक बहुत ही अच्छा फायदा होगा।
ITR-4 जैसे सरल फॉर्म के साथ जमा करने के प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज़्यादा आसान हो गई है, आप इसे डरे बिना सीए के आईटीआर फाइल करें और अपने आने वाले भविष्य को सुरक्षित करें।
कुछ आईटीआर फाइल करने के फायदे भी होते है जैसे बड़े लोन बैंक से आसानी से ले सकते है, बाहर जाने के लिए वीजा अप्लाई करने के समय काम में लगा सकते है, और आगे इस पोस्ट से जाने:- Tax क्यों भरे? जाने टैक्स भरने के फायदे और नुकसान (Penalty aur Benefits)
में उम्मीद करता हू कि आप फ्रीलांसरों के लिए आईटीआर फाइलिंग के पक्रिया और सही फॉर्म कौन सा चुनना है? इसके सभी तरीका को आपने समझ लिया है, अपने सभी फ्रीलांसर दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।
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