GSTIN क्या है? जानें क्यों ज़रूरी है यह 15 अंकों का नंबर और इसके हर अंक का मतलब

अगर आपको भी GSTIN क्या है? इस सवाल का जवाब पता नहीं है और जीएसटीआईएन में जो 15 अंकों का नंबर होता है? इसका क्या मतलब है, इस 15 अंक का नंबर का हर एक नंबर का मतलब अलग अलग होता है जो आज आप विस्तार से जानेंगे।

अगर आप छोटे व्यवसायी, नए उद्यमी, फ्रीलांसर, अकाउंटिंग स्टूडेंट्स या आम लोग भी है तो आपके लिए जीएसटीइन को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि शायद यह आपके आगे काम आने वाली है।

GSTIN क्या है? सरल भाषा में समझें

GSTIN का पूरा नाम Goods and Services Tax Identification Number है या फिर GST Identification Number भी बोल सकते है, और इसे हिंदी में जीएसटी आइडेंटिफिकेशन नंबर ऐसे बोलते है।

हमारे भारत में जीएसटी रजिस्टर्ड किए हुए हर व्यक्ति को दिए जाने वाला नंबर जिसे जीएसटीआईएन कहते है, और यह एक 15 अंकों का यूनिक कोड होता, इस नंबर के अंदर उसे व्यक्ति का सभी डिटेल्स रहता है।

जीएसटीआईएन जिसे लोग जीएसटी नंबर भी कहते हैं, यह आपका पैन कार्ड के नंबर की तरह होता है, पैन कार्ड में 10 नंबर होता है और जीएसटीआईएन में 15, जीएसटी नंबर के लिए आपके पास पैन कार्ड होना जरूरी है।

जीएसटी नंबर हर एक जीएसटी रजिस्टर का पहचान है और भारत में अभी कोई भी व्यवसाय या काम करने के लिए जीएसटी नंबर लेना बहुत जरूरी है, यह जीएसटी नंबर आपको तब मिलता है जवाब जीएसटी पोर्टल में जीएसटीआईएन के लिए अप्लाई करते हैं।

आपके GSTIN के 15 अंकों का क्या मतलब है? उदाहरण सहित समझे

अब तक आप समझे कि जीएसटी नंबर क्या होता है, अब हम 15 अंक का नंबर के बारे में बात करते हैं, सबसे पहले पैन कार्ड की बात करते हैं पैन कार्ड टैक्स की इनफार्मेशन के लिए बनाया जाता है यह कार्ड आज सबके पास है।

और पैन कार्ड के बिना आप जीएसटी नंबर के लिए अप्लाई नहीं कर सकते, क्योंकि आपका पैन कार्ड ही आपका जीएसटी नंबर के साथ जुड़ा हुआ है, जीएसटीआईएन में आपका पैन कार्ड नंबर बीच में रहता है पहले दो अक्षर स्टेट का और लास्ट का तीन अक्षर अलग सा होता है।

जीएसटीआईएन में पहले का 2 अंक राज्य कोड मतलब (State Code) होते हैं जो हर राज्य का अलग अलग होता है, जैसे 07 दिल्ली के लिए, 27 महाराष्ट्र के लिए, 18 असम के लिए, 29 कर्नाटका के लिए।

उसके बाद अगले 10 अंक ये आपके पैन कार्ड (Permanent Account Number) हैं इसीलिए मैंने पहले ही आपको बोला था जीएसटी नंबर के लिए आपके पास पैन कार्ड होना जरूरी है, अब आप 12 अंक तक समझ गए।

और 13 वां अंक यह हर राज्य में एक ही पैन कार्ड वाले किसी इकाई के रजिस्ट्रेशन की संख्या को बताता है जैसे पहला रजिस्ट्रेशन वाला को 1, दूसरा रजिस्ट्रेशन वाला को 2।

ऐसे 14 वां अंक यह हमेशा Z ही होता है भविष्य में उपयोग में आ सकता है, और 15 वां अंक यह एक चेक कोड होता है (Check Sum Digit) जो हमेशा नंबर 5 होता है, इसका इस्तेमाल गलतियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

अब तो आप पूरी तरह से समझ ही गए होंगे कि 15 अंकों का जीएसटी नंबर क्या है? और मैं आपको बता दूं अगर भारतवर्ष के सभी लोग भी अगर जीएसटी नंबर ले तो भी इस 15 अंक के आईडिया से एक नंबर दोबारा जनरेट नहीं होगा।

इस पोस्ट से जाने:- PAN और Aadhaar Link न करने पर जुर्माना कितना है? पूरी जानकारी

GSTIN क्यों ज़रूरी है? और जीएसटीआईएन के फायदे

जीएसटी नंबर यह आपके बिजनेस की पहचान है और सरकार के पास भी आपका डाटा रहेगा कि आप क्या बिजनेस कर रहे हैं, GSTIN के बिना आप जीएसटी अनुरूप बिल नहीं बना सकते।

और इस नंबर के बिना आप ITC (Input Tax Credit) का दावा भी नहीं कर सकते हैं, आईटीसी के बिना आपका बिजनेस में घाटा हो सकता है, जैसे आपने किसी आइटम की खरीद की तो उसमें जीएसटी दिया है, उस पैसे को रिटर्न लाने के लिए आईटीसी काम आते है और यह जीएसटीआईएन के बिना नहीं होगा।

और जीएसटी नियमों के पालन के लिए आपको यह नंबर जरूर लेना चाहिए, और यह खरीददारों और विक्रेताओं के बीच में पारदर्शिता भी लाता है।

कुल मिलाकर जीएसटी नंबर आपकी ईमानदारी को दर्शाता है, और अगर आपके पास जीएसटी नंबर है तो भविष्य में आपको किसी बैंक से ज्यादा लोन लेने के समय में भी कोई दिक्कत नहीं होगा आसानी से लोन मिल जाएगी।

कोई अगर GSTIN में रजिस्टर व्यवसायी है तो उसे दूसरे से अधिक भरोसा किया जाता है, अच्छा अब में आपको यह बताऊंगा कि कितने इनकम होने पर आपको जीएसटी नंबर लेने की जरूरत होगी।

आपको GSTIN कब लेना ज़रूरी है?

15 अंक का जीएसटी नंबर उन 2 लोगों को लेना जरूरी है जो, Goods और Services (वस्तु और सेवा) कैटेगरी के अंदर सरकार के बनाए हुए टैक्स लिमिट से इनकम ज्यादा करते है।

जीएसटी के अंदर अगर आपका सालाना टर्नओवर की सीमा (Threshold Limit) देखी जाती है, और ऑनलाइन कुछ भी सेल के लिए जीएसटी नंबर चाहिए इसमें आपका सेल कितना हुआ यह नहीं देख जाता, नीचे विस्तार से बताया हूं।
 
अगर आप Goods मतलब माल का कारोबार करते है तो अगर आपका सालाना इनकम 40 लाख से ऊपर है तो आप जीएसटी के अन्दर आते है, और आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है, गुड्स जैसे कोई भी सामान आप बेच रहे है।

अगर आप Services मतलब सेवाओं देते है तो भी अगर आपका सालाना इनकम 20 लाख से ऊपर है तो आप जीएसटी के अन्दर आते है, और आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा, सर्विस जैसे होटल, ट्यूशन।

टर्नओवर सीमा कुछ विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए यह अलग है जिसे (Special Category States) कहते है, इसके अंदर अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के कुछ अन्य राज्यों आते है, इन राज्यों के लिए यह सीमा कम कर दी गई है, यह गुड्स के लिए ₹20 लाख और सेवाओं के लिए ₹10 लाख की है।

और कुछ मामलों में आपकी टर्नओवर की सीमा चाहे जितनी जो भी हो कुछ ऐसे भी काम है जिनके लिए जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य है, जैसे अंतर-राज्यीय आपूर्ति जिसे (Inter-State Supply) कहते हैं, यदि आप एक राज्य से दूसरे राज्य में माल या सेवाओं की सप्लाई करते हैं तो आपको जीएसटी पंजीकरण करना होगा।

ई-कॉमर्स सेलर (E-commerce Saller) अगर आप किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे (Amazon, Flipkart, Meesho, Zomato, Swiggy) ऐसे जगह पर अपना सामान या सेवाएं बेचते हैं, तो आपको जीएसटी पंजीकरण कराना होगा चाहे आपका इनकम 1 रूपए भी क्यों ना हो।

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन (Casual Taxable Person) अगर आप कभी कभी अपना व्यापार करते हैं और आपके पास व्यापार करने का कोई स्थायी स्थान नहीं है, तो भी आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है।

रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (Reverse Charge Mechanism) जिसे शॉर्ट में RCM कहते हैं, RCM के तहत टैक्स को जमा करने वाले लोग, यदि आप ऐसे प्राप्तकर्ता हैं जिन्हें रिवर्स चार्ज के तहत टैक्स का जमा करना है, तो भी आपको जीएसटीआईएन लेना जरूरी है।

इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (Input Service Distributor) जिसे ISD कहते है, वे व्यक्ति जो अपने आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त इनपुट सेवा कर क्रेडिट को वितरित करता हैं।

अब तो आप समझ गए होंगे कि जीएसटी नंबर किसको लेना जरूरी है? मैंने ऊपर में जितना कुछ बताया इन सब के अंदर अगर आप आते हैं तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है, ऊपर के नियम के अंदर अगर आप आते हैं और आप बिना जीएसटी के काम करते हैं तो यह कानूनी तौर पर अपराध है।

इस पोस्ट को भी पढ़ें:- डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में क्या अंतर है? जानें सरल भाषा में उदाहरणों के साथ

अपना GSTIN कैसे चेक करें?

जीएसटीआईएन अप्लाई के बाद जीएसटी पोर्टल से आपको मिले हुए ARN नंबर से अपना जीएसटीआईएन को ट्रैक कर सकते है, की आपका जीएसटी नंबर बना है की नहीं और अगर नहीं बना है तो क्या गलती हुआ है वह भी आपको वहां से पता चल जाएगा।

और किसी से सामान या सेबा खरीदने से पहले आप उसका जीएसटीआईएन को जांच कर सकते है, जिससे आपको प्रमाण मिल जाएगा की जिनसे आप सामान या सेवा को खरीद रहे हैं वह सही में जीएसटी में रजिस्टर है और उसका जीएसटी नंबर सही है।

इस पोस्ट को भी पढ़ें:- GST क्या है? जानें वस्तु एवं सेवा कर के 4 प्रकार (CGST, SGST, IGST, UTGST) और उनका मतलब

निष्कर्ष और महत्वपूर्ण सलाह: जीएसटीआईएन के लिए

जीएसटीआईएन हमारे भारत में जीएसटी नियम का पालन करने के लिए मजबूत रीढ़ है, और सभी जो जीएसटी सरकार को दे रहे है यह इसी नंबर से प्राप्त होते है, और इसी जीएसटी नंबर का हिस्ट्री बना रहता है।

सही समय पर आप भी जीएसटी रजिस्टर कर लीजिए ताकि आपका कारोबार और अच्छे से चले साथ में सरकार के टैक्स चोरी के कानूनो से बचे।

में उम्मीद करता हू कि GSTN क्या होता है? और जीएसटीआईएन के फायदे को आपने समझ लिया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने का मौका दे।

Leave a Comment