सोने और चांदी पर GST कितना है? ज्वेलरी और मेकिंग चार्ज पर टैक्स नियम को जाने

हमारे भारत में सोना और चांदी सिर्फ इन्वेस्ट तक ही नहीं बल्कि हमारे परंपरा का भी हिस्सा बन हैं, आज हर कोई सोना या चांदी खरीदना चाहता है और अपने पास स्टोर करना चाहता है, लेकिन जब बात आती है इनकी खरीद की तो जीएसटी के नियम सबको पता नहीं है।

इन सोने और चाँदी पर जीएसटी दरों को स्पष्ट करने के लिए में इस पोस्ट बना रहा हूं क्योंकि (गुड्स एंड सर्विस टैक्स – जीएसटी) लागू होने के बाद से, इन कीमती धातुओं पर टैक्स की दर को एक समिति तक लगाई गई हैं। 

आज में आपको बताऊंगा कि आपको शुद्ध धातु, आभूषण और उसके मेकिंग चार्ज (बनवाई) पर कितना जीएसटी देना होता है या अनजाने में देते आ रहे है, हम सब बात करेंगे इसलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़े।

सोने और चाँदी पर जीएसटी की दर

देखिए सोना, चाँदी और प्लेटिनम जैसी कीमती धातुओं को जीएसटी के अंदर एक अच्छा श्रेणी में रखा गया है, में एक टेबल बनकर आपको नीचे दिखा रहा हूं कि चांदी और सोने पर जीएसटी कितना लगता है?

वस्तुजीएसटी दर
गोल्ड, चांदी बार या इनगोट3%
गोल्ड या सिल्वर ज्वेलरी3%
हीरे और अन्य कीमती पत्थर 3%
इम्पोर्ट पर कस्टम ड्यूटी6% + 3% जीएसटी

इन सब धातु या गोल्ड पर जीएसटी 3% क्यों?

भारत सरकार ने सोने और चाँदी पर जीएसटी की दर को कम सिर्फ 3% इसीलिए रखा है ताकि कोई भी सोना खरीदने के बाद उसे बिना बिल के (ब्लैक मार्केट में) खरीद या बेच न सके। 

यह जीएसटी दर सिर्फ सोने और चाँदी की टैक्सेबल वैल्यू (कीमत पर) लागू होती है, और एक बात सोने की कीमत तो ऐसे ही ज्यादा है तो 3% टैक्स कम भी हुआ तो सरकार को पैसा ज्यादा मिल रहा है।

ज्वेलरी मेकिंग चार्ज (बनाने) पर जीएसटी की दर

जब भी आप गहने खरीदते हैं, तब आप गहने धातु का मूल्य नहीं, बल्कि उसे बनाने की कारीगरी (Services) का शुल्क भी 5% चुकाते हैं।

सेवा का शुल्क (Making Charges)जीएसटी दर
मेकिंग चार्ज (बनवाई) (कारीगरी सेवा)5%
सोना और चांदीसभी पर सेम 5%

क्योंकि मेकिंग चार्ज सरकार (सेवा – Service) मानते है, न कि वस्तु (Goods), इसलिए, इस सेबा के लिए नॉर्मल दर 5% जीएसटी लगती है।

आभूषण खरीदने पर कुल जीएसटी की गणना

आपके ज्वेलरी के बिल में जीएसटी की हिसाब दो अलग अलग दरों पर की जाती है और फिर दोनों को जोड़ दिया जाता है, में एक टेबल से समझता हूं बाद में कैलकुलेशन से:

घटकजीएसटी दरलागू होता है
सोने या चाँदी का मूल्य3%ज्वेलरी में इस्तेमाल की गई धातु के कुल मूल्य पर
मेकिंग चार्ज5%कारीगर द्वारा लिए गए सेवा शुल्क (Service Fee) पर

सोने चांदी का जीएसटी हिसाब का उदाहरण (Example):

मान लीजिए आपने ₹1,00,000 का सोने के आभूषण खरीदा, जिसका मेकिंग चार्ज ₹10,000 है।

  1. सोने के मूल्य पर जीएसटी 3% है: ₹1,00,000 का 3% = ₹3,000
  2. मेकिंग चार्ज पर जीएसटी 5% है: ₹10,000 का 5% = ₹500
  3. कुल जीएसटी हुआ: ₹3,000 (सोने पर) + ₹500 (बनवाई पर) = ₹3,500

तो आपका पूरा बिल होगा = ₹1,00,000 + ₹10,000 + ₹3,500 = ₹1,13,500।

पुराने सोने/चाँदी की बिक्री पर जीएसटी (Used Jewellery)

पुराना सोना या चांदी बेचने पर क्या जीएसटी देना होगा कि नहीं, यह भी आप जान लीजिए अगर आप अपना पुराना गहना बेचते हैं या एक्सचेंज करते हैं, तो आपको जीएसटी नहीं देना होता।

लेकिन वही अगर कोई ज्वेलर पुराना सोना खरीदकर नया बनाता है, तो जीएसटी नियम के तहत शुद्ध मुनाफ़े (Net Profit) पर 3% जीएसटी देना पड़ता है।

वहीं अगर कोई जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है और वह सोना की खरीद बिक्री करता है और ज्वेलर उससे सोना या चांदी खरीदना है, और आगे ज्वेलरी बनाकर सेल करता है तो ज्वेलर को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) में जीएसटी जमा करना होता है।

इस पोस्ट से जाने:- रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) क्या है? जानें RCM क्यों और किसके लिए लाया गया है पूरी जानकारी

इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का नियम

कोई ज्वेलर्स जो इनपुट पर जीएसटी जमा करते हैं (जैसे मेकिंग या मटेरियल) के लिए, तो वह इनका आईटीसी क्लेम कर सकते हैं।

लेकिन आम आदमी (खरीदार) के लिए सोने या चांदी के खरीद या बिक्री पर आईटीसी नहीं मिलता मतलब कोई नियम नहीं है।

इस पोस्ट से जाने:- ITC का दावा क्या है और इसे कैसे करें? जानें इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियम और GSTR-2B का महत्व

कुछ ध्यान देने वाले योग्य बातें

अब मैं कुछ आपको कुछ जरूरी बातें बता रहा हूं, इन बातों का आपको हमेशा ध्यान रखना है:

  1. गोल्ड और सिल्वर की प्यूरिटी जैसे (24k, 22k, 18k आदि) से जीएसटी दर पर फर्क नहीं पड़ता।
  2. मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कामों को रोकने के लिए सरकार ने ₹2 लाख से ज़्यादा की नकद खरीद पर पैन कार्ड जरूरी है ऐसा नियम बनाया।
  3. सोने की ईएमआई (EMI) या डिजिटल गोल्ड खरीद पर भी यही दर 3% लागू होती हैं।

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निष्कर्ष: सोने चांदी पर टैक्स के बारे में

सोने और चाँदी पर 3% की कम दर लागू होती है, लेकिन 5% जीएसटी से मेकिंग चार्ज बढ़ जाती है, सोने और चांदी पर जीएसटी कितना लगता है? ऐसे बातों को जानकर आप देश के जागरूक नागरिक बनेंगे, और आगे से खरीदारी करते समय बिल में दोनों रेट को अलग अलग देखकर कंफ्यूज मत होइए।

में उम्मीद करता हूं कि चांदी और गोल्ड पर जीएसटी कितने परसेंट है अपने पूरी तरह से जान लिए है, जो 3% है, ध्यान रखें मेकिंग चार्ज पर अलग से 5% जीएसटी इसलिए लगता है क्योंकि यह सेवा के अंदर आता है।

ऐसे पूरी जानकारी सोने और चांदी पर कितना जीएसटी लगता है? अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर कर उनको भी जानकारी लेने में मदद कीजिए।

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