अगर आप एक बिज़नेसमैन या टैक्सपेयर हैं, तो आपने CBDT और CBIC का नाम तो ज़रूर सुना होगा, यह दोनों संस्थाएं भारत में टैक्स का पैसा जुटाने (Revenue) से जुड़े सभी बड़े फैसले लेती हैं।
लेकिन यह दोनों भारत के वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अंदर काम करता हैं सिर्फ दोनों का काम करने का तरीका और कानून पूरा अलग अलग हैं।
टैक्स सिस्टम में जानकार रहने के लिए CBDT और CBIC के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह दोनों संस्था ही भारत के पूरे टैक्स सिस्टम को चलाती हैं, आईए इन दोनों विभाग के बारे में आसान भाषा में समझते हैं।
इस पोस्ट में क्या क्या है?
CBDT (Central Board of Direct Taxes)
CBDT का मतलब हिंदी में है (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) यह संस्था वह संस्था है जो सीधे आपकी इनकम से जुड़े सभी टैक्स को देखती है, मतलब यह डायरेक्ट टैक्स देखता है।
CBDT के असली काम
CBDT इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत काम करती है, यह डायरेक्ट टैक्स है, और यह टैक्स किसी व्यक्ति या कंपनी की आय पर लगती है जैसे वेतन, बिज़नेस, किराया आदि।
आयकर विभाग (Income Tax Department) के काम: यह आईटीआर फाइलिंग, टीडीएस (Tax Deducted at Source) और पैन कार्ड से जुड़े सभी नियम और टैक्स चोरी की देखने और रोकने का काम करता है।
CBDT नोटिस: आईटीआर से जुड़ी किसी भी गलती जैसे ज़्यादा खर्च, कम इनकम दिखाना या मिसमैच के लिए इनकम टैक्स से नोटिस CBDT भेजती है।
CBIC (Central Board of Indirect Taxes and Customs)
CBIC का मतलब हिंदी में है (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) यह वह संस्था है जो वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले टैक्स को देखती है, मतलब यह इनडायरेक्ट टैक्स (GST) देखता है।
CBIC के असली काम
CBIC जीएसटी एक्ट्स और कस्टम्स एक्ट्स के तहत काम करती है, यह इनडायरेक्ट टैक्स वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री पर लगता है, जो हम और आप सभी चुकाते है।
CBIC के काम सीमा शुल्क और जीएसटी: यह जीएसटी रिटर्न, आईटीसी (Input Tax Credit) के नियम, इंपोर्ट या एक्सपोर्ट पर लगने वाले सीमा शुल्क (Customs Duty) और उनके नियम को कंट्रोल करता है।
CBIC नोटिस: यह GSTR-1 या GSTR-3B में आईटीसी मिसमैच और टैक्स जमा करते समय हुई गलती इनसे जुड़ी सभी जीएसटी नोटिस CBIC के भेजती हैं।
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CBDT और CBIC में मुख्य अंतर
अब में दोनों के बीच के अंतर को एक टेबल के रूप से बता रहा हूं ताकि आपको और अच्छे से याद रह जाए:
अंतर का आधार | CBDT | CBIC |
पूरा नाम | केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड | केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड |
कार्यक्षेत्र | इनकम टैक्स (आयकर) | जीएसटी और कस्टम्स |
अधिनियम | इनकम टैक्स एक्ट | जीएसटी एक्ट्स और कस्टम्स एक्ट्स |
कौन इसके अंदर आता है | हर तरीका से इनकम करने वाला व्यक्ति या संस्था | वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार करने वाला हर बिज़नेस |
दोनों को याद रखने का आसान तरीका: CBIC में I है, मतलब Indirect Taxes (अप्रत्यक्ष कर), यह माल और सेवाओं पर लगता है, और CBDT में D हैं, मतलब Direct Taxes (प्रत्यक्ष कर), यह सीधे आपकी इनकम पर इनकम टैक्स लगता है।
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निष्कर्ष: CBIC और CBDT के बारे मैं
असल में CBDT और CBIC दोनों ही भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, आप एक बिज़नेस चला रहे हों या वेतनभोगी कर्मचारी है, दोनों ही मामले में आपको इनके बारे में जानकारी रखना चाहिए।
और आप इन दोनों विभागों के नियमों के अंदर आते हैं, CBDT आपकी जेब में आने वाले पैसे (Income) पर नज़र रखता है, जबकि CBIC आपकी खरीद बिक्री (Buy & Sale) पर नज़र रखता है।
संक्षेप में जीएसटी टैक्स के लिए जीएसटी विभाग से नोटिस आएगा, और इनकम टैक्स के लिए इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आएगा, यह ऐसे है जैसे दोनों एक ही घर में रहते हैं, लेकिन दोनों का काम करने का तरीका और अधिकार दिखना पूरी तरह से अलग अलग है शायद अभी आपने समझ लिया है।
मैं उम्मीद करता हूं कि CBDT और CBIC इन दोनों के बीच का अंतर आपको पूरी तरह से समझ में आ गया है, अपने दोस्त और सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर करके उनको भी जानकारी लेने का मौका दें।
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